गोपालगंज: बिहार के गोपालगंज जिले में हुए महम्मदपुर जहरीली शराबकांड के बाद इस बार महम्मदपुर गांव में लोक आस्था का महापर्व छठ फीका पड़ गया है. यहां पूजा के गीत सुनाई नहीं दे रहे. छठ के गीतों के बदले मृतकों के घर चीत्कार गूंज रही है. शराबकांड के सातवें दिन भी गांव में सन्नाटा पसरा रहा. सड़कें सुनसान रहीं. रविवार को हर तरफ पुलिस दिखी. त्योहार के लिए एक माह पहले से व्रतियों ने तैयारी शुरू किया था. लेकिन शराब की वजह से सब कुछ बर्बाद हो गया. 


21 मौतों के बाद गांव में छाया मातम


महम्मदपुर गांव की लालसा देवी, मंजू देवी और पप्पू साह बताते हैं कि यह पर्व सिर्फ पर्व नहीं था, बल्कि महम्मदपुर गांव के लिए सामाजिक सौहार्द का प्रतीक था. लेकिन शराब की काली साया गांव पर ऐसी पड़ी कि एक-एक कर 21 लोगों की शराब पीने से मौत हो गई. दो नवंबर की रात से मौत का जो सिलसिला शुरू हुआ वो छह नवंबर तक चलता रहा. एक के बाद एक मौत होने से गांव में मातम छा गया. 


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बता दें कि जिनके घर में शराब पीने से मौत हुई है, उनके परिवार के अलावा पड़ोसी और गांव के रिश्तेदार इस बार छठ पूजा नहीं कर रहे हैं. आसपास में कई ऐसे परिवार हैं, जिन्होंने मातम के बीच लोक आस्था का महापर्व मनाने से इंकार कर दिया है. व्रतियों का कहना है कि छठ घाट की साफ-सफाई और रंग-रोगन का काम भी इन्ही परिवारों द्वारा की जाती थी, लेकिन अब सन्नाटा पसरा है.



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