Bihar News: बिहार के बगहा में बाघ ने मचाया आतंक, दो दिन में दूसरा शिकार, अब तक 6 मरे, 9 महीने में 7 लोगों पर हमला
VTR Tiger Attack Bagaha Bihar: बाघ को पकड़ने के लिए करीब 25 दिन से स्थानीय लोगों के साथ-साथ विभाग की टीम लगी है. वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या 50 के करीब है.
बगहा: बिहार के बगहा में एक बाघ कई महीनों से लोगों की जान पर बन आया है. करीब नौ महीने से बाघ घूम रहा है और मई 2022 से लेकर अब तक उसने सात लोगों पर हमला किया है जिसमें से छह लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं एक युवक जख्मी है जिसका इलाज चल रहा है. इधर, हाल ही में बाघ ने बीते दो दिनों में दो लोगों को शिकार किया है जिसमें से एक बच्ची की मौत हो गई है जबकि युवक गंभीर है. वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (Valmiki Tiger Reserve) के अलग अलग इलाकों में इस बाघ के हमले से लोग भयभीत हैं. करीब 25 दिन से स्थानीय लोगों के साथ-साथ विभाग की टीम लगी है लेकिन खास सफलता हाथ नहीं लग सकी है.
बताया गया कि करीब 400 लोगों की टीम में 275 लोग स्थानीय हैं. वहीं बाकी विभाग के साथ-साथ कुछ लोगों को बाहर से बुलाया गया है. 25 दिन से जोरशोर टीम लगी है लेकिन बाघ हाथ नहीं आ सका है. बाघ आगे आगे और वन कर्मी पीछे पीछे भाग रहे हैं. स्पेशल ट्रेंकुलाइजर गन से हैदराबाद से आई टीम ने बाघ पर चलाया और बाघ को लगा भी लेकिन वह वन कर्मियों के हाथ से निकल गया.
इस साल अब तक बाघ ने इन लोगों को बनाया शिकार
- 14 मई को नौतनवा निवासी 13 वर्षीय राजकुमार, मौत
- 20 मई को कटहल गांव की रहने वाली विधवा महिला पार्वती देवी, मौत
- 14 जुलाई को बैरिया काला गांव निवासी धर्मराज काजी, मौत
- 12 सितंबर को काम करने गई खेतों में गुलबंदी देवी, मौत
- 21 सितंबर को बैरिया के पास सरेह में रामप्रसाद उराव, मौत
- 5 अक्टूबर रात 12:00 बजे 12 वर्षीय बगड़ी कुमारी, मौत
- 7 अक्टूबर की सुबह डूमरी गांव निवासी युवक संजय महतो, जख्मी
वीटीआर में बाघों की संख्या 50 के करीब
बिहार का वाल्मीकि टाइगर रिजर्व 1978 में वाइल्ड लाइफ सेंचुरी के नाम से जाना जाता था. 1994 में टाइगर रिजर्व के नाम से घोषित किया गया. वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या 50 के करीब है. फिलहाल एक बाघ ने पूरे इलाके में आतंक मच रखा है जिसे पकड़ने के लिए हैदराबाद और पटना से एक्सपर्ट की टीम आई है. दो डॉक्टरों की तैनाती एक्सपर्ट के साथ की गई है.
वीटीआर के वन संरक्षक डॉ. नेशामनी के नेतृत्व में दोनों प्रमंडल के डीएफओ और वन पदाधिकारी इस ऑपरेशन की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. नेशामनी ने बताया कि बाघ को पकड़ने के लिए कई दिनों से प्रयास चल रहा है लेकिन बाघ अपना रास्ता तेजी से बदलता जा रहा है. इसी वजह से परेशानी हो रही है. गन्ने के खेत भी बीच में हैं. लगातार बारिश भी हो रही है जिसके चलते हम बाघ को रेस्क्यू नहीं कर पा रहे हैं. हम लोगों ने बाघ को पकड़ने के लिए 60 फॉरेस्ट गार्ड, पांच वैन, चार बड़े जाल, दो ट्रेंकुलाइजर गन, दो ट्रैक्टर, 40 सीसीटीवी कैमरे और एक ड्रोन की मदत ले रहे हैं.
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