गोपालगंज: अभिभावकों की छोटी लापरवाही बच्चों की जान पर आफत बन सकती है. बुधवार को गोपालगंज सदर अस्पताल में एक ऐसा मामला सामने आया, जिसे देख डॉक्टरों की टीम परेशान हो गई. दरअसल, दो साल का मासूम बच्चा मिनरल वाटर समझ कर थिनर गटक गया था. थिनर पीने के बाद बच्चे का पेट फूलने लगा. बेहोशी हालत में परिजन बच्चे को लेकर सदर अस्पताल पहुंचे, जहां सर्जन एके चौधरी और शिशु रोग विशेषज्ञ समेत कई डॉक्टरों को बुलाना पड़ा.
आनन-फानन बच्चे को लेकर पहुंचे अस्पताल
दरअसल, कुचायकोट थाने के कवलाचक गांव निवासी बबलू कुमार के घर दरवाजा पेंट हो रहा था. ऐसे में दरवाजे पर ही पेंट और थिनर रखा हुआ था. दो साल का बच्चा काबित कुमार खेलते-खेलते थिनर की बोतल को मिनरल वाटर समझकर पी गया. थिनर पीते ही बच्चे की हालत बिगड़ने लगी, जिसके बाद परिजन आनन-फानन बच्चे को लेकर अस्पताल पहुंचे. डॉक्टरों की टीम ने इलाज के बाद आगे से ऐसी लापरवाही न करने की सलाह दी.
थिनर फेफड़ों के लिए घातक
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. नौशाद आलम का कहना है कि थिनर हो या केरोसिन तेल, दोनों फेफड़ों के लिए घातक होता है. जब बच्चा या युवा इसका सेवन कर लेते हैं तो आहार नली के अलावा मिट्टी का तेल श्वास नली के माध्यम से भी फेफड़ों तक पहुंच जाता है. श्वास नली में तेल जाते ही सांस लेने में दिक्कत होने लगती है. एस्पीरेशन निमोनाइटिस हो जाती है. इस बीमारी पर काबू पाने में दो से तीन दिन लग जाते हैं. ऐसी दशा में तत्काल पीड़ित को डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए. संक्रमण बढ़ने से जान जा सकती है.
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