मोतिहारी/मुजफ्फरपुर: नकली नोट मामले में फरार चल रहे दो लाख के वांटेड तस्कर को मुजफ्फरपुर से पुलिस ने गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तार तस्कर पूर्वी चंपारण जिले का रहने वाला सुधीर कुशवाहा है. सुधीर कई वर्षों से फरार चल रहा था और एनआईए ने उस पर दो लाख रुपये का इनाम रखा था. वांटेड होने के बावजूद देश के विभिन्न हिस्सों में बढ़ी सक्रियता के कारण वह पुलिस की रडार पर था.


कैसे हुई सुधीर कुशवाहा की गिरफ्तारी?


मुजफ्फरपुर जिले की पुलिस को पता चला कि सुधीर कुशवाहा घोड़ासहन से मोतिहारी होते हुए मुजफ्फरपुर आ रहा है. इस सूचना के मिलने के बाद यहां पुलिस ने अपनी सक्रियता बढ़ा दी. गिरफ्तार के लिए पूरी तैयारी हो गई थी. सुधीर के मुजफ्फरपुर पहुंचने के बाद पुलिस ने आराम से उसका पीछा किया और फिर गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी के बाद अभी एनआईए ले गई है या नहीं इसकी कहीं पुष्टि नहीं की गई है.


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पहले भी हो चुकी है गिरफ्तारी


सुधीर कुशवाहा पूर्वी चंपारण जिले के भारत-नेपाल बॉर्डर पर स्थित झरोखर गांव का रहने वाला है. वह नेपाल के बीरगंज समेत नेपाल में कई जगह अपने ठिकाने से भारत में रैकेट चलाता है. उसे जाली नोट मामले में नेपाल के बारा जिले से दो नेपाली नागरिकों के साथ जून 2020 में गिरफ्तार किया भी गया था. नेपाल की पुलिस ने इसके पास से रखे एक झोला से एक हजार के 1465 नेपाली नोट, 100 रुपये के 746 नोट, 500 रुपये के 284 भारतीय नकली नोट और 50 रुपये के 706 नोट बरामद किया था. इसके पास से कुल 15 लाख 39 हजार 600 नेपाली और एक लाख 77 हजार 300 रुपये भारतीय जाली नोट बरामद किया गया था.


कई वर्षों से थी एनआई को तलाश


बताया जाता है कि एनआईए की टीम को जाली नोट के तस्कर सुधीर कुशवाहा की कई वर्षों से तलाश थी. एनआईए ने दो लाख का इनाम भी घोषित किया था. एनआईए ने सुधीर कुशवाहा के खिलाफ 2015 में मामला दर्ज किया था. उस पर आईपीसी की धारा 419, 420, 489, 489p के तहत कई संगीन मामले दर्ज किए गए थे. सुधीर के घर एनआईए ने 12 नवंबर 2019 को इश्तेहार भी चस्पा किया था.


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