Bihar News: बांग्लादेश की जेल में बंद था बिहार का युवक, भटक कर पहुंचा था... अब 11 साल बाद ऐसे हुआ 'चमत्कार'
Bihar News: मामला हरनौत थाना क्षेत्र के धरमपुर गांव का है. परिवार का कहना है कि युवक की मानसिक हालत ठीक नहीं थी. 2013 से ही वह घर से भटकने के बाद कहीं चला गया था.
Nalanda News: बिहार के नालंदा का रहने वाला एक युवक करीब 11 साल पहले भटक कर घर से कहीं चला गया था. अब जाकर जब वह अपने परिवार से मिला तो घर के लोगों की आंखों से खुशी के आंसू छलक पड़े. मामला हरनौत थाना क्षेत्र के धरमपुर गांव का है. युवक इसी गांव के रहने वाले रामप्रवेश बिंद का बेटा सिताबलाल बिंद है. सोमवार (30 सितंबर) को वह अपने गांव पहुंचा. परिवार का कहना है कि युवक की मानसिक हालत ठीक नहीं थी. 2013 से ही वह घर से भटकने के बाद कहीं चला गया था.
परिवार तक कैसे पहुंचा सिताबलाल बिंद?
युवक की परिवार से मुलाकात की कहानी जब आप सुनेंगे तो यह आपको चमत्कार से कम नहीं लगेगा. इस व्यक्ति की पहचान तब हुई जब इसका वीडियो और फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो-फोटो को देखकर नगर पंचायत के वार्ड नंबर 17 के पार्षद सुनील ने युवक की पहचान की. फिर बात परिवार तक पहुंच गई.
बताया जाता है कि बांग्लादेश की ओर से पहले वीडियो-फोटो भारतीय राजनयिक को उपलब्ध कराया गया था. इसके बाद संबंधित थाने को भेजा गया. फिर जाकर नालंदा के हरनौत थानाध्यक्ष ने जिले में पहचान कराने के लिए फोटो-वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर किया था. पहचान होने के बाद 27 सितंबर को किराए पर गाड़ी लेकर सिताबलाल बिंद के परिवार के लोग उसे सीमा पर लाने के लिए गए थे. वहां दोनों देशों के राजनयिकों की वार्ता के बाद सिताब लाल बिंद से परिवार के सदस्यों की पहचान कराई गई. इसके बाद कागजी प्रक्रिया कर सिताब लाल बिंद को उसके परिवार के सुपुर्द कर दिया गया.
जो बात सामने आई है उसके अनुसार सिताबलाल बिंद की मानसिक हालत ठीक नहीं थी और वह बांग्लादेश तक कब और कैसे पहुंच गया यह किसी को पता नहीं है. हालांकि परिवार ने दावा किया है कि 2013 से ही वो लापता था. हरनौत थानाध्यक्ष अबू तालीब अंसारी ने बताया कि पुलिस को जानकारी मिली है कि बांग्लादेश में सिताबलाल को 2018 में पकड़ा गया था. वैध कागजात के अभाव में विदेशी के पकड़े जाने पर वहां छह महीने कैद का प्रावधान है. हालांकि समय पूरा होने के बाद भी उसे कोई लेने या खोजबीन करते हुए नहीं पहुंचा था. यह व्यक्ति खुद भी कुछ बताने की स्थिति में नहीं था. इसके बाद जेल में ही रखकर बांग्लादेश की सरकार ने उसका इलाज कराया.
दो साल पहले ही हुई है पिता का निधन
बताया गया कि दो साल पहले ही सिताबलाल बिंद के पिता का निधन हुआ है. हालांकि उसकी मां अभी जिंदा है. वहीं दूसरी ओर उसकी पत्नी दौलती देवी 11 साल बाद अपने पति को देखकर खुश हो गई. बेटा भी खुश दिखा. बता दें कि बांग्लादेश में इलाज के बाद अब सिताबलाल बिंद की मानसिक स्थिति भी ठीक है.
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