पटना: बिहार में बुधवार को नगर निकाय चुनाव (Nagar Nikay Chunav 2022) की तिथि की घोषणा एक बार फिर से कर दी गई है. इसपर राजनीतिक बयानबाजी फिर से शुरू हो गई है. गुरुवार को बीजेपी के राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी (Sushil Modi) ने बिहार सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार फिर चुनाव को लेकर जल्दबाजी दिखा रही है. इस चुनाव पर कभी भी रोक लग सकती है. इसलिए प्रत्याशी सोच-समझ कर पैसा खर्च करेंगे.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना
सुशील मोदी ने कहा कि बिहार सरकार सुप्रीम कोर्ट के 28 नवंबर को दिए गए आदेश की अवमानना कर रही है. जल्दबाजी में नगर निकाय चुनाव करवा रही है. सुप्रीम कोर्ट ने 28 नवंबर को आदेश दिया था कि बिहार सरकार ने जो आयोग बनाई है उसको अधिसूचित नहीं किया जाए. इसके बावजूद भी सरकार ने जल्दबाजी में आयोग से रिपोर्ट लेकर तिथि की घोषणा कर दी है. इसके साथ ही पिछड़ा आयोग की रिपोर्ट को सार्वजनिक क्यों नहीं किया गया?
पुराने आरक्षण के आधार पर हो रहे चुनाव
राज्यसभा सदस्य ने कहा कि सरकार फिर से पुराने आरक्षण के आधार पर ही चुनाव करवा रही है. सरकार को नई रिपोर्ट के आधार पर चुनाव कराने चाहिए थे. नए लोगों के चुनाव में भाग लेने पर रोक लगा दी गई है. नीतीश कुमार अपनी जिद के कारण पिछड़ों को अपमानित कर रहे हैं. नीतीश कुमार ने इस चुनाव को कानूनी दांव पेच में फंसा दिया है. इसलिए प्रत्याशी इस चुनाव में खर्च सोच- समझ कर करें. इस चुनाव पर कभी भी रोक लग सकता है. बता दें कि बिहार राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा बिहार में फिर से निकाय चुनाव की तारीखों का एलान कर दिया गया है. दो चरण में मतदान होंगे. 18 दिसंबर और 28 दिसंबर की तिथि निर्धारित की गई है. इससे पहले हाईकोर्ट ने नगर निकाय चुनाव को स्थगित कर दिया था.
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