(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
बिहार: जमुई के निशिकांत ने यूजीसी के जेआरएफ में मारी बाजी, नेट की परीक्षा में भी हासिल की सफलता
निशिकांत बताते हैं कि बचपन उनका डॉक्टर बनने का सपना था, डॉक्टर बनने के लिए पढ़ाई भी की लेकिन जब उस ओर सफलता नहीं मिली तो उन्होंने अपना फील्ड बदल लिया और पत्रकारिता में आ गए.
पटना: मन में जब कुछ कर दिखाने का जज्बा हो तो व्यक्ति कोई भी मुकाम हासिल कर सकता है. चाहे राह कितनी भी कठिन हो. ऐसा ही कुछ कर दिखाया है बिहार के जमुई जिले के निशिकांत हर्ष ने. जमुई जिले के पिरहिंडा गांव निवासी निशिकांत ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की ओर से आयोजित राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा 2020 में पत्रकारिता एवं जनसंचार विषय से जूनियर रिसर्च फेलोशिप (जेआरएफ) के लिए चयनित होकर पूरे जिले का नाम रौशन किया है.
निशिकांत हर्ष जमुई जिले के सिकंदरा प्रखंड अंतर्गत पिरहिंडा गांव के निवासी श्रीराम सिंह के बेटे हैं और एक मध्यम वर्गीय परिवार से आते हैं. ऐसे में उनकी सफलता से स्वजनों और क्षेत्रवासियों में खुशी का माहौल है.
बता दें कि निशिकांत देश भर में इस बार पत्रकारिता एवं जनसंचार विषय से जेआरएफ के लिए चयनित 43 छात्रों में से एक हैं. वहीं, नेट के लिए चयनित 418 छात्रों में भी इनका नाम है. निशिकांत ने पत्रकारिता एवं जनसंचार विषय से स्नातक और स्नातकोत्तर माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय से की है. 10वीं और 12वीं की परीक्षा इन्होंने बिहार बोर्ड से प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण की है.
निशिकांत बताते हैं कि बचपन उनका डॉक्टर बनने का सपना था, डॉक्टर बनने के लिए पढ़ाई भी की लेकिन जब उस ओर सफलता नहीं मिली तो उन्होंने अपना फील्ड बदल लिया और पत्रकारिता में आ गए. पत्रकारिता की पढ़ाई के साथ उन्होंने कुछ नौकरी भी की लेकिन उनके मन में प्रोफेसर बनने की चाह थी. ऐसे में उन्होंने पूरा ध्यान पढ़ाई में लगाया और आज नतीजा सबके सामने है. निशिकांत अपनी सफलता का श्रेय अपने माता पिता को देते है.
यह भी पढ़ें-
बिहार: गया में हथियार तस्करी के आरोप में NIA ने मुखिया को किया गिरफ्तार, जानें- क्या है पूरा मामला? Bihar Politics: राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने 'लालू के राजकुमार' पर कसा तंज, ईश्वर से की ये कामना