पटना : बिहार में बढ़ते अपराध पर अंकुश लगाने की दिशा में पुलिस प्रशासन ने कमर कस ली है इसकी झलक अब रात के अंधेरे में देखने को मिल रही है जहां प्रशासन के आला अधिकारी दोषी पुलिस कर्मियो कसते दिख रहे हैं.
बताते चलें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर सत्ता की बागड़ोर संभालते हीं लॉ एंड ऑर्डर को लेकर अपनी चिंता जाहिर करते हुए ताबड़ तोड़ मुख्य सचिव. गृह सचिव, डीजीपी समेत पुलिस के आला अधिकारियों के साथ मिटिंग की थी और राज्य में लॉ एंड ऑर्डर को संभालने के दिशा निर्देश भी दिए थे.
इसी कड़ी में पटना रेंज के आईजी संजय सिंह कल (मंगलवार) देर रात कदम कुआं थाना पहुंच गए. जहां समीक्षा में मिली जानकारी के अनुसार उन्हे पता चला कि इस थाने में बारह सौ मामले लंबित हैं. 7 दारोगा ऐसे हैं, जिनका तबादला दूसरे जिले में हो गया है. लेकिन केस का चार्ज उन्होंने नहीं सौंपा हैं.
तब आईजी ने इस सभी पदाधिकारियों का वेतन रोकने का निर्देश दे डाला. इस दौरान एक रिटायर्ड पुलिस पदाधिकारी का पेंशन भी रोक दिया गया. आईजी ने लंबित केसों केसों के निपटारे के लिए लक्ष्य तय कर दिया अगर लक्ष्य पूरा नहीं हुआ तो थानेदार से लेकर डीएसपी तक पर कार्रवाई होगी और कहा कि अगर केस चार्ज नहीं सौंपते हैं तो इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी.
एक एक अनुसंधानकर्ता पर सौ सौ केस
इस औचक निरीक्षण के दौरान आईजी को पता चला कि एक-एक पुलिस अनुसंधान पदाधिकारियों पर लगभग सौ-सौ केस हैं उन्होंने एसएसपी को कदम कुआं थाने में 3 अतिरिक्त पदाधिकारियों को भेजने का निर्देश दिया. लंबित मामलों के निस्तारण के लिए हर माह कम से कम डेढ़ सौ मामले के निपटारे का लक्ष्य दिया गया है.
औचक निरीक्षण के बाद आईजी ने कही ये बातें
बढ़ते अपराध और लंबित केस को लेकर पटना आईजी संजय कुमार ने कदमकुआं थाने के औचक निरीक्षण के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि इस थाना मे कई केस लंबित है जिसमें आईओ के द्वारा कोताही बरती गई है. जिसके बाद कारवाई की गई है और इसी कड़ी में कुल सात पुलिसकर्मियों के वेतन रोकने का आदेश दिया गया है जबकि कदमकुआं थाना से सेवानिवृत हुए एक पुलिसकर्मी का पेंशन रोकने का भी आदेश दिया गया है,थाना का औचक निरीक्षण करने पहुचे आईजी ने कहा गस्ती को लेकर थाने में मुक्कमल व्यवस्था है.