पटना: राजनीति में कब क्या हो जाए इसका पहले से कुछ अंदाजा लगा पाना शायद ही संभव है. बिहार में मंत्रिमंडल में विस्तार होना है लेकिन कब और कैसे होगा इसका इंतजार है. बिहार में मंत्रिमंडल विस्तार में हो रही देरी में कहीं INDIA कनेक्शन तो नहीं? नीतीश कुमार कह रहे हैं कि तेजस्वी बताएंगे कब विस्तार करना है वहीं डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव इस मुद्दे पर खामोश हैं. क्या नीतीश और लालू की मिलीभगत है? मंत्रिमंडल विस्तार नहीं किए जाने के पीछे कहीं नीतीश को INDIA में संयोजक बनाए जाने का दबाव तो नहीं? कहां फंस गया है पेंच?
एक महीने पहले राहुल गांधी ने नीतीश कुमार से पटना में हुई विपक्षी एकता की बैठक के बाद पूछा था कि मंत्रिमंडल विस्तार कब कर रहे हैं? तब नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव की तरफ ही देखकर पूछा था क्या करना है. हाल ही में एक बार फिर से वही सवाल किया गया तो नीतीश कुमार ने एक बार फिर गेंद तेजस्वी यादव के पाले में फेंक दिया और कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार में उनकी वजह से देरी नहीं हो रही बल्कि ये तेजस्वी को तय करना है. जाहिर है नीतीश कुमार के इस राजनैतिक बयान के कई अर्थ निकाले जा रहे हैं. सवाल ये भी उठ रहा है कि क्या ऐसा जानबूझकर किया जा रहा है? जब मंत्रिमंडल विस्तार मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार होता है तो फिर मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की तरफ क्यों देख रहे हैं? इस पर आरजेडी, जेडीयू की प्रतिक्रिया दिलचस्प है जो कहते हैं मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है.
कांग्रेस ने कहा- जल्द फैसला हो वो सही रहेगा
जाहिर है जब मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है मंत्रिमंडल विस्तार जिसके बारे में आरजेडी और जेडीयू के प्रवक्ता बोल रहे हैं तो फिर मुख्यमंत्री आरजेडी की तरफ क्यों गेंद फेंक रहे हैं? बिहार में मंत्रिमंडल विस्तार पर कांग्रेस के विधायक शकील अहमद खान ने बड़ा बयान दिया है और कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तेजस्वी प्रसाद यादव जल्द फैसला कर लें. मंत्रिमंडल विस्तार पर जल्द फैसला हो वो सही रहेगा.
कांग्रेस को उम्मीद है जल्द से जल्द मंत्रिमंडल विस्तार हो जाएगा लेकिन उसे भी पता नहीं कब होगा. बात सिर्फ यहीं नहीं रुकती है बल्कि कांग्रेस दो सीट की मांग पर अड़ी हुई है लेकिन सूत्र बताते हैं आरजेडी और जेडीयू एक से ज्यादा नहीं देना चाहती है. खबर ये भी है कि आरजेडी खासकर नहीं चाहती कि कांग्रेस को एक सीट से ज्यादा मिले इस पर भी आरजेडी और जेडीयू के साथ साथ कांग्रेस के अपने अपने तर्क हैं.
क्या है इंडिया कनेक्शन?
दरअसल, सवाल कई हैं लेकिन उसका जवाब अभी तक नहीं मिल पा रहा है, लेकिन इन्हीं सब सवालों के बीच एक सवाल ये भी उठ रहा है कि मंत्रिमंडल विस्तार में हो रही देरी का कनेक्शन कहीं INDIA के संयोजक पद से तो नहीं जुड़ा हुआ है? चर्चा है कि नीतीश कुमार इस पद को चाहते हैं. हालांकि नीतीश कुमार ने इसका खंडन किया है जबकि आरजेडी भी चाहती है कि नीतीश कुमार INDIA के संयोजक बनें, लेकिन इसकी घोषणा दो बैठक के बाद भी नहीं हो पाई है. कहीं यही सवाल तो नहीं है जिसकी वजह से नीतीश मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं कर रहे हैं? इसका समर्थन आरजेडी भी कर रही है लेकिन कांग्रेस इस पर संभल कर बोल रही है.
जाहिर है नीतीश कुमार के संयोजक पद की बेहद चर्चा है. बिहार में महागठबंधन के लिए भी ये बेहद महत्वपूर्ण बताया जा रहा है. ऐसे में कहीं जानबूझकर मंत्रिमंडल विस्तार में देर हो रही है जिसके बारे में बीजेपी आरोप लगा मंत्रिमंडल विस्तार नहीं होने की बात कह रही है. इन सबके के बीच एक सवाल ये भी तेजी से उठने लगा है कि क्या मुंबई में INDIA की होने वाली बैठक के पहले नीतीश कुमार मंत्रिमंडल का विस्तार कर लेंगे? इस पर महागठबंधन के तीनों सहयोगी खुलकर बोल नहीं रहे हैं.
बहरहाल लाख टके का सवाल कब होगा मंत्रिमंडल विस्तार? क्या नीतीश कुमार और आरजेडी आपस में मिल कांग्रेस को अपनी शर्तों पर लाना चाहते हैं क्योंकि बात सिर्फ अभी के मंत्रिमंडल विस्तार की ही नहीं है. आने वाले समय में जब लोकसभा चुनाव के वक्त सीटों का बंटवारा होगा तो उस वक्त भी कांग्रेस की मांग ज्यादा न बढ़ जाए उसका मैसेज अभी से ही देने की कोशिश की जा रही है.
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