पटना: सक्षमता परीक्षा (Sakshamta Pariksha) के विरोध में हजारों की संख्या में नियोजित शिक्षकों ने मंगलवार (13 फरवरी) को पटना में प्रदर्शन किया. शाम में बीजेपी कार्यालय का घेराव किया. नियोजित शिक्षक डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी (Samrat Choudhary) से मिलने की मांग कर रहे थे. इस दौरान प्रशासन की ओर से सबको हटाया जाने लगा, लेकिन शिक्षक उग्र हो गए जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया.
'हम लोग मारपीट करने नहीं आए थे'
नियोजित शिक्षक करीब 100 की संख्या में थे. अंदर इनकी एंट्री नहीं हुई, इसलिए नाराज हो गए और जमकर नारेबाजी करने लगे. इसके बाद पुलिस से हल्की झड़प हुई. एक महिला नियोजित शिक्षक का कहना है कि पुलिस ने बल प्रयोग किया. वहीं एक और महिला नियोजित शिक्षक ने कहा कि हमलोग मारपीट करने नहीं आए थे. प्रशासन ने मारा. हमलोग अपने अधिकार के लिए आए थे. शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे थे.
वहीं मौके पर पहुंचे पटना जिला प्रशासन के अधिकारी ने कहा कि यहां प्रदर्शन करना गैरकानून है. यह प्रतिबंधित क्षेत्र है. 144 लागू है. इन लोगों पर कानूनी कार्रवाई होगी. यह धरना-प्रदर्शन का क्षेत्र नहीं है. यह अवैध है.
बता दें कि मंगलवार की सुबह से हजारों की संख्या में नियोजित शिक्षक गर्दनीबाग में डटे हुए थे. शाम में पिटाई हो गई. विधानसभा मार्च करना चाहते थे लेकिन इजाजत नहीं मिली. नियोजित शिक्षकों की मांग है कि बिना शर्त उन लोगों को राज्यकर्मी का दर्जा दिया जाए. कोई परीक्षा नहीं ली जाए. शिक्षा विभाग की तरफ से यह आदेश आया था कि सक्षमता परीक्षा पास करनी होगी. जो सफल हो जाएंगे उनको राज्यकर्मी का दर्जा मिलेगा.
सम्राट चौधरी ने दिया आश्वासन
हालांकि विधानसभा में शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने मंगलवार को कहा था कि नौकरी किसी की नहीं जाएगी, लेकिन नियोजित शिक्षक कुछ भी सुनने को तैयार नहीं हैं. हंगामे के बाद सम्राट चौधरी ने शिक्षकों से बात की. आश्वासन दिया. कहा कि 15 फरवरी को शिक्षक मिलें. दोपहर दो बजे का समय दिया. कहा कि वह शिक्षकों की बातों को सुनेंगे.
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