पटना: बिहार में बढ़ती बेरोजगारी और बिगड़ती शिक्षा व्यवस्था के विरोध में सोमवार को एनएसयूआई के कार्यकर्ता बिहार विधानसभा के घेराव के लिए निकले थे. कार्यकर्ताओं ने पटना के कारगिल चौक, गांधी मैदान से विधानसभा मार्च शुरू की. कार्यकर्ता नारेबाजी करते हुए बिहार विधानसभा की ओर बढ़ रहे थे. इसी दौरान जेपी गोलंबर के पास पटना पुलिस ने बैरिकेडिंग कर उन्हें रोक दिया.
पुलिस ने प्रदर्शनकरियों पर किया लाठीचार्ज
पुलिस की ओर से रोके जाने के बाद एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने हंगामा करना शुरू कर दिया. कार्यकर्ता "नीतीश मुर्दाबाद" और "डिग्री लो और नौकरी दो" का नारा लगाने लगे. वहीं, बैरिकेडिंग तोड़कर आगे बढ़ने की कोशिश करने लगे. ऐसे में पहले पुलिस ने उन्हें समझाने की कोशिश की. लेकिन जब वो नहीं मानें तो पुलिस ने प्रदर्शनकरियों पर लाठीचार्ज कर दिया.
पुलिस ने सड़क पर दौड़ा कर की सभी की पिटाई
लाठीचार्ज के बाद प्रदर्शनकारी इधर-उधर भागने लगे, जिसके बाद पुलिस ने सड़क पर दौड़ा कर सभी की पिटाई की. पुलिस की पिटाई में कई छात्रों को चोट लगी. वहीं, कई गंभीर रूप से घायल हो गए. घायलो में बिहार प्रदेश युवा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष कुमार आशीष, पूर्व विधायक अमित कुमार टुन्ना, एआईसीसी के सदस्य प्रवीण कुमार कुशवाहा समेत अन्य शामिल हैं.
इधर, लाठीचार्ज की जानकारी मिलने पर बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष मदन मोहन झा विधानसभा की कार्यवाही छोड़ मौके पर पहुंचे और छात्रों का हाल जाना. वहीं, सभी घायलों का इलाज कराया. वहीं, उन्होंने राज्य सरकार और केंद्र सरकार की छात्र विरोधी नीतियों का हवाला देते हुए कहा कि ये सरकार अपनी छात्र विरोधी नीतियों से छात्रों की आवाज को दबा नहीं सकती, इसके लिए प्रदेश कांग्रेस सड़क से सदन तक लड़ाई लड़ेगी.
इससे पहले भी किया था लाठीचार्ज
गौरतलब हो कि 1 मार्च को भी बेहतर शिक्षा और रोजगार की मांग को लेकर विधानसभा मार्च करने निकले वामदलों के छात्र संगठनों को पुलिस ने दौड़ा-दौड़ा कर पीट दिया था. गांधी मैदान जेपी गोलंबर पर आंदोलनकारियों और पुलिस के बीच खूब ईंट-रोड़े बरसे थे. इसमें कई छात्र और पुलिसकर्मी घायल भी हुए थे.
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