पटना: पूर्व केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान के निधन से खाली हुई राज्यसभा की सीट पर हो रहे उप चुनाव के लिए एनडीए प्रत्याशी और पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी की राह अब आसान नही होगी.अब मोदी शायद निर्विरोध न चुने जाएं. एक सीट पर होनेवाले राज्यसभा उपचुनाव में एनडीए प्रत्याशी सुशील कुमार मोदी को भले ही महागठबंधन से किसी विरोध का सामना न करना पड़ा हो, लेकिन एक इंजीनियर श्याम नंदन प्रसाद ने उनके खिलाफ पर्चा दाखिल कर दिया है. पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी के खिलाफ पर्चा दाखिल करनेवाले श्याम नंदन पंडारक के रहनेवाले हैं, हालांकि प्रसाद के नामांकन में उनकी ओर से कोई विधायक प्रस्तावक नही है, जबकि नामांकन के लिए कम से कम से 10 विधायकों का प्रस्तावक होना जरूरी होता है. लिहाजा स्क्रूटिनी में श्याम नंदन प्रसाद के नामांकन का टिकना मुश्किल है. बावजूद इसके श्याम नंदन प्रसाद की इंट्री ने उपचुनाव को थोड़ा रोचक बना दिया है.आज श्याम नंदन प्रसाद दोपहर 2 बजे नामांकन करने पटना प्रमंडलीय आयुक्त के कार्यालय पहुंचे थे. नामांकन के दौरान श्याम नंदन प्रसाद ने कहा कि समाज सेवा करने के लिए राजनीति में आए हैं. श्याम नंदन प्रसाद के बारे में बताते चलें कि इससे पहले वह 2014 में पटना साहिब लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ चुके हैं.इनके समर्थन में 10 विधायकों के मामले पर इन्होंने कहा कि इस संबंध में वो एनडीए और महागठबंधन के विधायकों से बात करेंगे और विधायकों का समर्थन पत्र निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय में दे देंगे. हालांकि आज नामांकन का अंतिम दिन है ऐसे में टेक्निकल ग्राउंड पर समर्थन पत्र निर्वाचन आयोग द्वारा कल लिया जाएगा या नहीं, यह कहना मुश्किल है लेकिन बताते चलें कि कल यानी 4 दिसंबर तक नाम वापस लेने की अंतिम तारिख है और पांच दिसंबर को नामांकन पत्र की स्क्रूटनी की जाएगी.
हालांकि राज्यसभा उपचुनाव में महागठबंधन की तरफ से किसी नेता के पर्चा दाखिल नहीं करने की स्थिति में अब सुशील मोदी की जीत पक्की हो चली है. रामविलास पासवान के निधन से खाली हुई इस सीट पर उपचुनाव 14 दिसंबर को होना है. लेकिन अब मतदान की संभावना बहुत कम हो गई है.जानकारों की माने तो इस उपचुनाव में सुशील मोदी इस पद के लिए एकमात्र वैध उम्मीदवार होंगें. उपचुनाव के लिए अधिसूचना 26 नवंबर को जारी हुई थी, 3 नवंबर को दोपहर 3 बजे तक नामांकन दाखिल करने का आखिरी समय था. 4 नवंबर को नामांकन की जांच होगी, जिसे 5 नवंबर तक वापस लिया जा सकेगा. 6 नवंबर को रविवार होने की वजह से सुशील मोदी को 7 नवंबर को सर्टिफिकेट दिया जाएगा.



अटकलों पर लगा विराम,राजद ने नहीं उतारा प्रत्याशी



राज्यसभा उपचुनाव में दलित चेहरे को लेकर राजद की ओर से लगातार कयासों का बाजार गर्म था कि एलजेपी की ओर से दिवंगत राम विलास की पत्नी रीना पासवान को यदि एलजेपी इस पद पर उतारती है तो महागठबंधन उनको सपोर्ट करेगी अन्यथा दलित चेहरा श्याम रजक को भी इस पद का दावेदार बना सकती है लेकिन विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव में करारी शिकस्त और बड़े उलटफेर की कोई संभावना नहीं देख महागठबंधन के किसी दल के किसी नेता ने राज्यसभा चुनाव में हार का सर्टिफिकेट लेने की हिम्मत नहीं दिखाई.