बिहार: किसान विरोधी कानून के खिलाफ 2 दिसम्बर को राष्ट्रव्यापी प्रतिरोध दिवस के समर्थन में उतरेगी आरजेडी, पार्टी की ये है रणनीति
आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानन्द सिंह ने किसान विरोधी काले कानून के खिलाफ किसानों के इस आन्दोलन को सक्रिय समर्थन देते हुए पार्टी पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं और समर्थकों से कल यानि 2 दिसम्बर को आहूत राष्ट्रव्यापी प्रतिरोध दिवस को सफल बनाने की अपील की है.

पटना : देश में किसान विरोधी काले कानून के खिलाफ कल (2 दिसम्बर को) प्रस्तावित राष्ट्रव्यापी प्रतिरोध दिवस में आरजेडी सक्रिय भागीदारी निभाएगी.पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानन्द सिंह ने किसान विरोधी काले कानून के खिलाफ किसानों के इस आन्दोलन को सक्रिय समर्थन देते हुए पार्टी पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं और समर्थकों से कल यानि 2 दिसम्बर को आहूत राष्ट्रव्यापी प्रतिरोध दिवस को सफल बनाने की अपील की है. राजद के प्रदेश प्रवक्ता चित्तरंजन गगन के अनुसार आरजेडी कृषि कानून को किसान विरोधी कानून मानते हुए इसका विरोध करती है और इसके विरोध में कल राज्य भर में प्रदर्शन कर कृषि कानून को वापस लेने और सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी देने की मांग को उठाएगी. आरजेडी ने मुख्यमंत्री पर हमला करते हुए कहा कि बिहार सरकार को किसान और गरीब विरोधी है और किसान विरोधी इस षडयंत्र के सबसे बड़े भागीदार और काले कानून बनाने के सहयोगी नीतीश कुमार हैं.बिहार में 2006 में हीं एपीएमसी बंद कर दिया गया था,जिसका परिणाम यह हुआ कि बिहार सरकार के कुल खाद्यान खरीद के लक्ष्य का 1 प्रतिशत खाद्यान का भी खरीद नहीं हो सका. अगर एपीएमसी एक्ट में संशोधन से किसानों को लाभ मिलता तो बिहार के किसानों संपन्न होते, जबकि 2006 के बाद बिहार के किसानों की स्थिति काफी बदतर हो गई है और किसान खेती छोड़कर बड़ी संख्या में रोजी-रोटी की तलाश में दूसरे राज्यों में पलायन करने को मजबूर हो रहे हैं राजद प्रवक्ता ने की माने तो स्वामीनाथन आयोग के अनुशंसा को लागू करने और कृषि लागत का दुगना मूल्य देने का आश्वासन देकर सत्ता में आयी एनडीए की सरकार किसानों को कॉरपोरेट घरानों के हवाले कर रही है.
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