पटना: बिहार सरकार की गठन के बाद बुलाये गए 17वीं बिहार विधानसभा के प्रथम सत्र का आज चौथा दिन था और आज राज्यपाल का अभिभाषण के दौरान विपक्षी दलों ने जमकर हंगामा किया. हंगामे के बीच राज्यपाल फागू चौहान ने अपने अभिभाषण को पूरा किया. इस संबंध में एबीपी न्यूज से बातचीत के दौरान कांग्रेस प्रवक्ता ने बताया कि आज का बैठक निराशाजनक रहा क्योंकि जो बातें बीजेपी-जेडीयू अपने चुनावी सभा में करते थे, उन मुद्दों को शामिल ही नहीं किया गया.
उन्होंने कहा कि यह अभिभाषण एक रस्म अदायगी के सिवा और कुछ नहीं लगा. ऐसे में कांग्रेस पार्टी ने तय किया है कि वह अपने विभिन्न मुद्दों को लेकर अपना संशोधन प्रस्ताव देगी, जिसमें हमारा मुख्य रूप से फोकस अभी तक धान विक्रेय केंद्र का नहीं खोला जाना होगा, क्योंकि इस वजह से किसान की स्थिति बुरी हो गई है. इसके अलावा लॉ एंड ऑर्डर को लेकर भी हम संशोधन प्रस्ताव लाएंगे क्योंकि राज्य में लगातार अपराध की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है.
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, " इन्होंने (बीजेपी) रोजगार को लेकर लंबी चौड़ी बातें कही, 19 लाख रोजगार देने का वादा किया, लेकिन उसकी कोई चर्चा ही नहीं है. कोई रोड मैप इनके पास नहीं है. इसके अलावा भी कई ऐसे मामले हैं, जिसे हम अपने संशोधन प्रस्ताव में जगह देंगे और सरकार का ध्यान इस पर आकृष्ट करेंगे कि हमारे सुझाव को संबोधित करें. अगर विपक्ष से सकारात्मक सपोर्ट चाहते हैं तो. नहीं तो जो हमारा अधिकार है विरोध करने का वह हम लगातार जारी रखेंगे."
वहीं, राजद प्रवक्ता और मनेर विधायक भाई वीरेंद्र ने भी कांग्रेस के सुर में सुर मिलाते हुए कहा कि महामहिम राज्यपाल का भाषण जो होता है वह सरकार द्वारा लिख कर दिया जाता है और वह झूठ का पुलिंदा था. ना उसमें बेरोजगार को रोजगार देने की चर्चा थी, ना छात्रों के हित की कोई चर्चा थी, ना मजदूरों को लेकर कोई बात कही गई, ना कोई किसानों की ही चर्चा थी. ऐसे में हम इस मामले को कल उठाने का काम करेंगे.
इधर, हंगामे को लेकर बीजेपी के कद्दावर नेता संजय मयूख ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि जनता से नकारे हुए लोग आज इस तरह से व्यवहार कर रहे हैं. वह कहीं से भी संसदीय परंपरा के अनुकूल नहीं है, उन्हें कम से कम राज्यपाल का सम्मान करना चाहिए वह जिस प्रकार से सदन में चिल्ला रहे थे तो इन चिल्लाने वालो को मैं बता दूं कि चिल्लाने से विकास को रोका नहीं जा सकता.