Bihar PACS Elections: बिहार में पैक्स चुनाव की तिथि की घोषणा होते ही पैक्स अध्यक्षों के जरिए शह और मात का खेल शुरू हो गया है, जिससे मतदाताओं में भारी आक्रोश है. ऐसा ही एक मामला रजौली प्रखंड के चितरकोली पैक्स का है, जहां वर्तमान पैक्स अध्यक्ष और जिला सहकारिता कार्यालय की मिलीभगत से जीवित मतदाताओं को मृत बताकर वोटर लिस्ट से नाम हटा दिया गया है. इसके बाद जीवित मतदाताओं ने मंगलवार को रजौली के प्रखंड विकास पदाधिकारी संजीव झा से मिलकर अपने जीवित होने का प्रमाण दिया और मतदान से वंचित करने के नापाक प्रयास में शामिल दोषियों पर कार्रवाई की मांग की.


मृत बताकर नाम मतदाता सूची से हटा


जिला सहकारिता कार्यालय से जिस मतदाता सूची को प्रकाशित किया गया है. उस मतदाता क्रम संख्या-181 में राजकुमारी देवी पति शुकर यादव, क्रम संख्या-182 में सुरेंद्र यादव पिता सुकर यादव और क्रम संख्या-183 में सनोज देवी पति सुरेंद्र यादव तीनों का घर चितरकोली अंकित है और यह तीनों एक ही परिवार के सदस्य हैं और यह तीनों जीवित हैं., जबकि वोटर लिस्ट में इन तीनों व्यक्ति को मृत बताकर इनका नाम मतदाता सूची से हटा दिया गया है.


पैक्स अध्यक्षों के जरिए सरकारी दर पर धान खरीद और फिर चावल देने के खेल तो जारी हैं ही, लेकिन चुनाव जीतने के लिए वर्तमान पैक्स अध्यक्षों के जरिए अपने चहेते वोटरों का नाम वोटर लिस्ट में शामिल कर किया गया है और अपने पक्ष में वोट नहीं देने वाले जीवित मतदाताओं को मृत बताकर मतदाता सूची से नाम ही हटा दिया गया है. हद तो यह है की वोटर लिस्ट में गड़बड़ी का सारा खेल जिला सहकारिता कार्यालय की मिलीभगत से किया गया है और इस कृत्य में जिला सहकारिता कार्यालय की भूमिका संदिग्ध है.


मामले का खुलासा तब हुआ जब वोटर लिस्ट का प्रकाशन हुआ और वोटर लिस्ट में दावा आपत्ति का तिथि प्रकाशित हुआ।इस संबंध में चितरकोली पंचायत के दर्जनों पैक्स मतदाताओं ने बताया कि जिला सहकारिता कार्यालय की भूमिका संदिग्ध है. लोगों का कहना है कि वोट देने से वंचित करने जैसे कृत्य में शामिल अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. ताकि किसी भी मतदाता को वोट देने के अधिकार से वंचित होना ना पड़े.


पैक्स चुनाव की निष्पक्षता पर उठ रहे सवाल


प्रखंड विकास पदाधिकारी रजौली से मिलने आए मतदाताओं ने बताया कि चितरकोली पैक्स मतदाता सूची में गड़बड़ी की पूरी आशंका है, क्योंकि जिन मतदाताओं का नाम वोटर लिस्ट में जोड़ा गया है. उसमें कई मतदाता पोषक क्षेत्र के बाहर के रहने वाले हैं. अगर समय रहते वरीय अधिकारियों ने इस मामले पर गंभीरता से पहल नहीं किया तो आने वाले दिनों में पैक्स चुनाव निष्पक्ष होने की संभावना नहीं दिखाई पड़ रही है.


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