औरंगाबाद: बिहार के औरंगाबाद जिले में चौंकाने वाला मामला सामने आया है. मामला जिले के देव प्रखंड के बेलसारा पंचायत के बेलसारा गांव का है, जहां 81 साल के बुजुर्ग अनिरुद्ध सिंह ने अपने पंचायत के वार्ड संख्या-6 से वार्ड सदस्य प्रत्याशी के पद के लिए नामांकन दाखिल किया है. ऐसे करके उन्होंने पंचायत ही नहीं बल्कि लोकतंत्र के चुनावी इतिहास में अपना नाम सबसे अधिक उम्र के प्रत्याशी के रूप में दर्ज करा लिया है. उन्होंने वार्ड सदस्य के रूप में न सिर्फ नामजदगी का पर्चा भरा, बल्कि विकास का दंभ भी भरा है.


गोपालगंज की महिला ने बनाया था रिकॉर्ड


इससे पहले यह रिकॉर्ड गोपालगंज जिले के भोरे विधानसभा क्षेत्र के विजयीपुर प्रखंड के पंगरा पंचायत के सह डिहरी गांव की 80 साल पानमती देवी के नाम था. इन्होंने इसी साल 11 सितंबर को वार्ड सदस्य के ही रूप में नामांकन दाखिल कर बिहार में सुर्खियां बटोरी थीं. पानमती देवी के पति ने साल 1962 से 1967 तक प्रजा सोशलिस्ट पार्टी से विधानसभा का प्रतिनिधित्व किया था.


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हालांकि, अनिरुद्ध सिंह का कोई राजनीतिक घराना नहीं है. उसके बावजूद उन्होंने अपना नामांकन कर ये साबित किया है कि बिहार के पंचायत की राजनीति में ग्राम स्वराज के अवधारणा को धरातल पर उतारने और महात्मा गांधी के सपने को साकार करने में वो मील का पत्थर साबित होंगे. 


गांव का विकास नहीं होने से हैं नाराज


अपने परिवार के सदस्यों के साथ प्रखंड कार्यालय देव पहुंचे अनिरुद्ध सिंह को देखकर लोग अचंभित हो गए और उनके चुनाव लड़ने के जज्बे को सलाम किया. शुक्रवार को दिनभर अनिरुद्ध सिंह अपनी उम्मीदवारी को लेकर चर्चा में रहे. चुनाव लड़ने जा रहे अनिरुद्ध सिंह अपने पंचायत का विकास नहीं होने से क्षुब्ध हैं. उन्होंने बताया कि देश की आजादी में कितनों ने अपने प्राणों को न्योछावर किए. ताकि उनके बाद क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले लोग विकास के कार्यों से अपने राज्य, जिले और पंचायत को विकसित करेंगे. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. जितने भी आए सबने लूट को बढ़ावा दिया और कहीं भी काम नहीं हुआ.


आदर्श गांव बनाने का संकल्प लिया


जनप्रतिनिधियों ने जनता के विश्वास का कत्ल किया. उन्होंने अपने गांव में कोई भी काम नहीं होने का दर्द साझा किया और चुनाव मैदान में उतरकर जीतने के बाद कार्य कर अपने गांव को आदर्श गांव बनाने का संकल्प लिया. अनिरुद्ध सिंह भले ही शारीरिक रूप से कमजोर हैं, लेकिन उनकी इच्छाशक्ति पहाड़ से भी मजबूत है. यही कारण है कि उन्होंने अपने वार्ड के अन्य प्रत्याशियों को टक्कर देने की ठानी है. 


अब ये देखना लाजिमी होगा कि देव प्रखंड में दसवें चरण में वार्ड सदस्य के 199 पदों के लिए 8 दिसंबर को होने वाले मतदान में उनकी उम्मीदवारी कितनी सशक्त होगी. लेकिन इतना तय है कि इस चुनाव में अनिरुद्ध सिंह को युवावस्था से ज्यादा चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा.



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