Bihar Panchayat Election: बहन के पक्ष में वोट मांग रहे BJP नेता को अपराधियों ने मारी गोली, सीवान रेफर
जानलेवा हमले में उमेश शाही का हाथ व पैर भी फ्रैक्चर हो गया. हालांकि, उसके पैर में गोली लगने की आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है. लेकिन उनके समर्थकों व परिजनों ने गोली लगने की बात कही है.
गोपालगंज: बिहार के गोपालगंज जिले में पंचायत चुनाव के चौथे चरण के मतदान से पहले खूनी संघर्ष की घटना सामने आई है. मंगलवार को मुखिया प्रत्याशी बहन बबीता देवी के लिए वोट मांगने निकले भाई और बीजेपी के नेता रहे उमेश शाही पर फायरिंग की गई. फायरिंग में एक गोली पैर में लगने की बात सामने आई है. घटना हथुआ थाने के चैनपुर पंचायत के दक्षिण टोला की है. घायल उमेश शाही को इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल से सीवान रेफर किया गया है.
आपसी विवाद को लेकर मारपीट और गोलीबारी
इधर, घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने इस मामले में तत्काल कार्रवाई करते हुए दो लोगों को हथियार के साथ हिरासत में लिया है. वहीं, गांव में तनाव की स्थिति को देखते हुए पुलिस बल तैनात की गई है. बताया जाता है कि चैनपुर पंचायत से उमेश शाही की बहन बबीता देवी मुखिया पद के लिए चुनाव लड़ रही थी.
वहीं, दूसरे पक्ष के यशवंत सिंह की मां रामावती देवी भी चुनाव मैदान में है. यहां पांचवें चरण के तहत 24 अक्टूबर को मतदान होना है. इसी क्रम में मंगलवार की सुबह अपनी बहन के समर्थन में उमेश शाही दक्षिण टोला में वोट मांग रहे थे. इसी दौरान यशवंत सिंह व उमेश शाही के बीच तू-तू मैं-मैं हो गई. मामला इतना बढ़ गया कि दोनों पक्षों के बीच तीन राउंड फायरिंग हुई, जिसमें उमेश शाही के पैर में गोली लग गई और वे जख्मी हो गई.
रॉड से मारने का लगाया आरोप
वहीं, इस पूरे मामले में यशवंत द्वारा फायरिंग के साथ-साथ रॉड और पाइप से हमला करने का आरोप लगाया गया है, जिससे डरकर उमेश शाही के समर्थक भाग खड़े हुए. जानलेवा हमले में उमेश शाही का हाथ व पैर भी फ्रैक्चर हो गया. हालांकि, उसके पैर में गोली लगने की आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है. लेकिन उनके समर्थकों व परिजनों ने गोली लगने की बात कही है.
उधर, घटना की सूचना मिलने पर हथुआ एसडीपीओ नरेश कुमार, इंस्पेक्टर विजय कुमार सिंह सहित मीरगंज, उचकागांव थाने की पुलिस चैनपुर गांव में पहुंच गई. पुलिस ने हमलावारों के घर पर छापेमारी की. छापेमारी में दो हथियार व गोली के साथ दो लोगों को हिरासत में लिया गया है. समाचार लिखे जाने तक किसी भी पक्ष के ओर से थाने में लिखित शिकायत नहीं की गई थी.
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