पटना: बिहार में इसी साल पंचायत चुनाव होना है. पंचायत चुनाव को लेकर प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. कोरोना काल में होने वाले चुनाव को लेकर व्यापक स्तर पर तैयारियां की जा रही हैं. हालांकि, तैयारियां के बीच ये खबर सामने आ रही है कि वैसे लोग जिनके दो से अधिक बच्चे हैं, वो पंचायत चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. इस खबर के सामने आने के बाद से चुनाव लड़ने की मंशा रखने वाले लोगों के बीच संशय बना हुआ है. 


बिहार में पहले से है ये नियम 


ऐसे में खबर की सच्चाई जानने के लिए एबीपी न्यूज ने बिहार के पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि बिहार के परिवेश में जो जनसंख्या नियंत्रण कानून की बात है, 2006-07 के बाद जो कानून बनाए गए, उसमें नगर निकाय में ये प्रावधान किया गया कि जिनके दो से अधिक बच्चे होंगे, वो चुनाव नहीं लड़ सकते हैं. 


उन्होंने कहा, " बिहार में पहले से ये कानून है. इसे पंचायती राज में लागू करने की आवश्यकता है. लेकिन अब अगर लागू भी कर दिया गया तो उसके लिए 2026 तक का इंतजार करना पड़ेगा. इस चुनाव में ये कानून लागू नहीं हो सकता. लेकिन इस परिवेश में मेरा खुद के मानना है कि अब हिंदुस्तान में इस पर ज्यादा चर्चा की जरूरत है. जरूरत पड़ने पर इसको कानून भी बनाना चाहिए."


मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा, " बिहार के मुख्यमंत्री बार-बार कह चुके हैं कि बिहार में महिला शिक्षा का दर कम है. ऐसे में उन्हें शिक्षा के लिए आगे लाना पड़ेगा. इसके लिए साइकिल योजना, पोशाक योजना, ग्रेजुएट तक की मुफ्त पढ़ाई देने का काम किया गया है, जिससे जागरूकता आयी है और बिहार में प्रजनन दर घटता जा रहा है."


इस बार कानून का लागू होना असंभव


कानून लागू करने के सम्बंध में उन्होंने कहा कि चूंकि नगर निकाय के कानून के 10-12 साल हो गए, इसलिए अब पंचायती राज और दूसरे सरकारी संस्थाओं में भी इस तरह की व्यवस्था करने का वक्त आ गया है. इस बार के पंचायत चुनाव में कानून लागू करने के संबंध में उन्होंने कहा कि इस बार तो लागू हो ही नहीं सकता. अगर इस बार हो भी गया तो एक साल का एक्सजम्पशन देना पड़ेगा.


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