बिहार: बिना कोरोना जांच कराए यात्री जा रहे घर, जांच शिविर में तैनात स्वास्थ्यकर्मी कर रहे 'खानापूर्ति'
जांच नहीं कराए जाने के संबंध में जब यात्रियों से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि स्टेशन पर किसी ने उन्हें कोरोना जांच करवाने के लिए नहीं कहा. ऐसे में वो अपने घर बिना जांच कराए ही जा रहे हैं. स्टेशन पर कोरोना जांच की कोई व्यवस्था नहीं की गई है.
मुजफ्फरपुर: देश भर में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर कहर बरपा रही है. रोजाना हजारों नए मामले सामने आ रहे हैं. कोरोना की वजह से एक बार फिर प्रवासी बिहारी घर वापस लौटने लगे हैं. प्रवासियों की वजह से संक्रमण ना फैले इस वजह से रेलवे स्टेशन पर कोरोना जांच शिविर लगाया गया है. लेकिन बाहर से आ रहे यात्री बिना जांच कराए ही घर चले जा रहे हैं. इधर, जांच शिविर में तैनात स्वास्थ्यकर्मी भी जांच के नाम पर खानापूर्ति कर रहे हैं.
ताजा मामला बिहार के मुजफ्फरपुर जंक्शन का है, जहां रोजाना अलग-अलग राज्यों से हजारों लोग पहुंच रहे हैं. लेकिन बहुत कम लोग ही कोरोना जांच के लिए स्टेशन पर लगे जांच शिविर में पहुंच रहे हैं. ट्रेन से उतरने के बाद लोग स्टेशन से सीधे अपने घरों को रवाना हो रहे हैं. इस बात का खुलासा तब हुआ जब मंगलवार को दोपहर तक मात्र 90 लोगों का ही जांच किया गया था. उन 90 में से 24 लोग संक्रमित पाए गए थे.
जांच नहीं कराए जाने के संबंध में जब यात्रियों से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि स्टेशन पर किसी ने उन्हें कोरोना जांच करवाने के लिए नहीं कहा. ऐसे में वो अपने घर बिना जांच कराए ही जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि बिहार में कोई व्यवस्था नहीं है. रेल से लोग भेंड़-बकरियों की तरह आ रहे हैं. उन्हें कोई सुविधा नहीं मिल रही है. स्टेशन पर भी कोरोना जांच की कोई व्यवस्था नहीं की गई है.
इधर, स्टेशन पर लगे स्वास्थ्य केंद्र के कर्मचारियों ने बताया कि जो भी यात्री आ रहे हैं, उनका वो लोग जांच कर रहे हैं. उन्होंने ये भी बताया कि वो अपने स्तर से बेहतर काम कर रहे हैं. लेकिन उनकी सहायता के लिए रेलवे पुलिस की तैनाती नहीं की गई है. बहरहाल वजह चाहे जो भी हो, लापरवाही चाहे किसी की भी हो, अगर समय रहते सुधार नहीं किया गया तो कोरोना विस्फोट तय है.
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