बक्सर: बिहार के बक्सर जिले में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. मामला जिला स्थित एक पीएचसी का है, जहां देर रात मरीज के पहुंचने पर स्वास्थ्यकर्मियों ने दरवाजा ही नहीं खोला. ऐसे में इलाज के अभाव में मरीज की मौत हो गई. इस घटना के बाद स्थानीय ग्रामीणों में अस्पताल प्रशासन के प्रति काफी आक्रोश है. दरअसल, जिले के केसठ प्रखंड के केसठ गांव निवासी उमेश सिंह उच्च रक्तचाप के मरीज थे. 


परिजन अस्पताल का मुख्य गेट खटखटाते रहे


सोमवार की देर रात अचानक उनकी तबीयत बिगड़ने लगी और उन्हें सांस लेने में भी तकलीफ होने लगी. ऐसे में स्थिति की गंभीरता को देखते हुए परिजन उन्हें पास के पीएचसी ले गए. पीएचसी पहुंचने के बाद मरीज और उनके परिजन अस्पताल का मुख्य गेट खटखटाते रहे, लेकिन अंदर से सिर्फ एक ही आवाज आई कि चिकित्सक नहीं है. 


काफी देर तक परिजन दरवाजा खटखटाते रहे. लेकिन अस्पताल कर्मियों ने दरवाजा नहीं खोला, जिस कारण इलाज के अभाव में वापस लौट रहे उमेश सिंह ने घर पहुंचने से पहले ही रास्ते में तड़प-तड़पकर दम तोड़ दिया. इस घटना के बाद मृतक के घर में कोहराम मच गया है और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है.


लापरवाही बर्दाश्त करने लायक नहीं


मृतक का पड़ोसी और वार्ड मेंबर शंकर सिंह ने बताया कि अस्पताल प्रशासन की इतनी बड़ी लापरवाही बर्दाश्त करने लायक नहीं है. उन्होंने बताया कि वे दरवाजा खटखटाकर थक गए. मरीज खुद भी दरवाजा पीट रहा था, लेकिन किसी ने दरवाजा नहीं खोला. अंदर से आवाज आई कि डॉक्टर नहीं हैं, इसलिए इलाज नहीं हो सकता है. आप लोग वापस जाइए. 


ग्रामीणों ने कहा कि इस तरह की लापरवाही करने वालों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए. इधर, घटना के मौके पर पहुंचे जिला परिषद सदस्य धनंजय आर्य और स्थानीय मुखिया धनंजय यादव ने भी इस तरह लापरवाही की घोर निंदा करते हुए जिम्मेदार स्वास्थ्यकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है. इधर, अस्पताल प्रशासन ने पूरे मामले में चुप्पी साध ली है.



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