Book Released On Nitish Kumar: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के राजनीतिक जीवन और कार्यशैली पर आधारित एक किताब का विमोचन रविवार 18 अगस्त को किया गया. इस किताब का नाम बिहार के गांधी नीतीश कुमार दिया गया है. इस किताब को बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी और उनकी बेटी समस्तीपुर सांसद शांभवी चौधरी ने लिखा है. किताब के लोकार्पण के मौके पर कई गणमान्य लोग मौजूद रहे.


राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर रहे मौजूद


कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर भी मौजूद रहे. वही बिहार विधानसभा के अध्यक्ष नंदकिशोर यादव सहित बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, विशिष्ट अतिथि के तौर पर पद्मभूषण से सम्मानित सुप्रसिद्ध गायक उदित नारायण और कलयुग के राम कहे जाने वाले सांसद अरुण गोविन इस कार्यक्रम में मौजूद थे. किताब विमोचन के मौके पर किताब की लेखिका शांभवी चौधरी ने नीतीश कुमार को महात्मा गांधी जयप्रकाश नारायण और लोहिया का प्रतिबिंब बताया.






इस किताब को लिखने वाले बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ अपने अनुभव को साझा किया. उन्होंने कहा कि बात और कांग्रेस अध्यक्ष जब मैं बिहार में घूम रहा था. उस वक्त बिहार की जनता ने कहा कि 2014 में हमने नीतीश कुमार को वोट नहीं दिया, लेकिन 2015 में उन्हें ही वोट देंगे क्योंकि नीतीश कुमार ने बिहार में काम किया है.


अशोक चौधरी ने बताया कि जब वह सरकार में नीतीश कुमार के साथ हैं. उस दौरान भूमि अधिग्रहण के एक मामले को लेकर कुछ लोग नीतीश कुमार से मिलने आए थे, इस दौरान नीतीश कुमार के कमरे में रखे एक गमले को एक चपरासी ने हटाया. गमला जिस तरीके से चपरासी ने हटाया उस पर नीतीश कुमार ने चपरासी को बड़े प्यार से कहा कि ऐसे हटाओगे तो फर्श खराब हो जाएगा नीतीश कुमार की इस दूरदर्शिता से पता चलता है कि जो सरकारी आवास का फर्श की इतनी चिंता करता है वह बिहार की कितनी चिंता करेगा.


किताब विमोचन में विशिष्ट अतिथि के तौर पर आए बीजेपी सांसद अरुण गोविन ने नीतीश कुमार की तारीफ करते हुए उस शब्द का जिक्र किया, जो पूरे देश में कहा जाता है कि नीतीश कुमार कब किस करवट हो जाएं कोई नहीं जानता लेकिन उनकी यह आदत बिल्कुल सही है. सत्ता में रहकर ही आप समाज के कल्याण के लिए काम कर सकते हैं. ऐसे में नीतीश कुमार जब भी करवट बदलते हैं, उसमें हित बिहार का ही होता है.


वहीं विशिष्ट अतिथि के तौर पर शिरकत करने वाले मशहूर गायक उदित नारायण ने नीतीश कुमार के साथ अपने एक मिलन को याद करते हुए कहा कि मेरा घर बाईसी में है और मेरे गांव में बिजली नहीं थी. मेरे गांव नीतीश कुमार का कार्यक्रम हुआ. इस दौरान नीतीश कुमार ने मुझसे अपने पसंदीदा गाना गाने को कहा फिर मैं मांग रखी कि अपने लोगों ने मुझे पद्म भूषण दे दिया, लेकिन मेरे गांव में बिजली नहीं है. नीतीश कुमार के विकास की नीति देखी उन्होंने अगले 4 दिन में ही पूरे गांव में बिजलीकरण करवा दिया.


'बिहार नाम सुनकर मेरे दिमाग में बहुत कुछ चलने लगा'


आखिर में इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत कर रहे बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि मैं अपने बेटे की शादी में गोवा में था. इस दौरान मुझे लेटर मिला कि आपको अब बिहार का गवर्नर बनाया जा रहा है बिहार नाम सुनकर ही मेरे दिमाग में बहुत कुछ चलने लगा, लेकिन जब मैं बिहार आया और यहां के नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिला तो बिहार के प्रति मेरी पूरी मानसिकता ही बदल गई.


कार्यक्रम में राजपाल ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार को अजातशत्रु का खिताब दिया और कहा कि इनसे अन्य मुख्यमंत्रियों को भी सीख लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि कई किताबें लिखी जाती है, लेकिन पढ़ने वाला नहीं मिलता. अब वक्त आ गया है कि हमें लोगों को प्रेरित करना चाहिए कि वह किताब पढ़ें. आज जब यह किताब लिखी गई है और अगर इसे कोई पड़ता है तो वह अपने जीवन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के किए गए कामों को विचारधारा के तौर पर आगे बढ़ाएगा और जिससे हमारा बिहार आगे बढ़ेगा.


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