Machharhatta Market Crowded During Diwali: दीपावली को लेकर पटना के सभी बाजार में रौनक आ गई है. दीपावली में उपयोग होने वाले सभी सामानों से बाजार गुलजार हो रहे हैं. चाहे लाइट बत्ती का बाजार हो या इलेक्ट्रॉनिक सामान का, या आभूषण और बर्तन का बाजार या पूजा संबंधित सामान के बाजार सभी बाजारों में भीड़ उमड़ रही है. वहीं पटना में एक ऐसा भी बाजार है, जहां हर त्योहार में उसकी अलग-अलग रूपरेखा होती है. कहा जाए तो पूरे 365 दिन यह बाजार गुलजार रहता है. हर त्योहार में उससे जुड़ी दुकानें यहां सजती है. दुकान वही रहती है, लेकिन आइटम चेंज हो जाते हैं .


 मच्छरहट्टा मंडी में 200 से अधिक दुकानें 


पटना का प्रसिद्ध मच्छरहट्टा मंडी, जहां हर तरह के सामान उपलब्ध होते हैं. इस मच्छरहट्टा मंडी में एक गली है, जिसका नाम तो मच्छरहट्टा गली है, लेकिन वह मौरी गली के नाम से प्रसिद्ध है. इस गली में तकरीबन 200 से अधिक दुकानें हैं और अभी दीपावली के मौके पर  घर में सजावट की वस्तुएं हो या पूजा का सामान, मूर्ति सजावट का सामान, रंग बिरंगी डेकोरेशन के सामान चाहे रंगोली सजाने के सामान यह पूरा गली पटी रहती है. दुकानों में यह सभी सामान सजे हुए हैं. ग्राहक भी काफी संख्या में इस गली में पहुंचते हैं. खास बात यह है कि सिर्फ दीपावली ही नहीं हिंदू के जितने भी त्योहार होते हैं वह सभी त्योहारों में यह गली इसी तरह सजी रहती है. अभी दीपावली खत्म होने के बाद दूसरे दिन से ही यह गली छठ के सामानों के लिए सज जाएगी.


दीपावली से पहले यह गली दशहरा के सामानों के लिए सजी हुई थी. रक्षाबंधन के मौके पर यह गली राखी से सज जाती है. होली के त्यौहार में पिचकारी और रंग एवं होली संबंधित सभी सामानों के लिए यह गली सजी रहती है, तो 26 जनवरी और 15 अगस्त में तिरंगा से संबंधित सामान सजे रहते हैं. यह गली पूरा थोक मंडी है और पूरे बिहार के दुकानदार इस गली में पहुंचते हैं. कुल मिलाकर इस गली को त्योहारों की गली भी माना जा सकता है. जब त्यौहार नहीं होते हैं तो यह पूरा गली  शादी विवाह के लग्न के समान से भरी पड़ी होती है.


सबसे बड़ी बात है कि इस गली में जो भी सामान मिलते हैं उसमें 75% सामान इस गली के स्थानीय लोग ही बनाते हैं. इस गली में सबसे ज्यादा शादी विवाह के मौरी बनाने वाले कारीगर रहते थे और आज भी इस गली में मौरी की बिक्री सबसे ज्यादा  होती है. पूरे बिहार के लोग यहां के बने मौरी खरीदकर ले जाते हैं. स्थानीय दुकानदार महेश कुमार ने बताया कि समय के साथ बदलाव हुआ है मौरी के अलावा इस गली में सभी देवी प्रतिमाओं के मुकुट बनाए जाते हैं, जो काफी आकर्षक होते हैं और लोग यहां से खरीद कर दूर ले जाते हैं. साथ ही सभी त्योहारों में सजाने वाले या पूजा के समान भी अब लोग यहां बनाने लगे हैं. कच्चे सामान बाहर से मंगाए जाते हैं और यहां तैयार किया जाता है.


त्योहार और लग्न के मौके से सामान होते हैं चेंज


उन्होंने बताया कि पहले पूरी गली यहां के कारीगर के बनाए गए सामानों से भरी पड़ी रहती था, लेकिन धीरे-धीरे कारीगर लुप्त होते जा रहे हैं और कुछ सामान बाहर से भी आते हैं.  दुकानदार मनोज कुमार ने कहा कि हमारे पूर्वजों से इस गली में दुकान है. जो भी दुकान है वह काफी पुरानी और स्थानीय लोग के ही है, जिनका खुद का उद्योग होता था और आज भी है परंतु कुछ कमी आई है. दुकान वहीं रहती है, लेकिन त्योहार और शादी विवाह के लग्न के हिसाब से सामान चेंज होते रहते हैं. स्थाई तौर पर किसी एक समान की इस गली में एक भी दुकान नहीं है.


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