Patna News: 1 साल में 13 करोड़ ठगने वाला साइबर फ्रॉड पटना से गिरफ्तार, पुलिस ने बरामद किए 33 ATM कार्ड
बिहार की राजधानी पटना के पत्रकार नगर से पुलिस ने एक साइबर फ्रॉड को गिरफ्तार किया है. आरोपी के पास से पुलिस ने अलग-अलग बैंकों के 33 एटीएम कार्ड सहित डेबिट कार्ड और चेकबुक व पासबुक बरामद किए हैं.
पटना: पटना के पत्रकार नगर थाना क्षेत्र से पुलिस ने बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए साइबर अपराध (Cyber Crime) में शामिल एक शख्स को 33 एटीएम कार्ड (ATM Card) और एक लाख रुपये नकद के साथ गिरफ्तार किया है. ग्रेजुएट पास आरोपी की पहचान कुंदन कुमार (32) के रूप में हुई है. आरोपी नालंदा जिले के मरौराडीह का निवासी है और एक साइबर फ्रॉड ग्रुप का सक्रिय सदस्य. वह लोगों के मोबाइल को हैक कर उनके बैंक खातों से पैसे निकाल लेता था.
पुलिस ने आरोपी के पास से 9 बैंक पासबुक और तीन चेकबुक बरामद की
पुलिस ने आरोपी के पास से नौ बैंक पासबुक, तीन चेकबुक और एक मोबाइल फोन भी बरामद किया है. पुलिस ने आरोपी कुंदन को कंकड़बाग में केंद्रीय विद्यालय के पास एचडीएफसी बैंक के एक एटीएम से गिरफ्तार किया है. वह पटना के जगनपुरा में किराए के मकान से साइबर ठगी का धंधा कर रहा था.
आरोपी ने दो एटीएम कार्ड का इस्तेमाल कर 1 लाख रुपये निकाले थे
टीओआई में छपी रिपोर्ट के मुताबिक पत्रकार नगर थाने के एसएचओ मनोरंजन भारती ने बताया कि साइबर फ्रॉड कुंदन ने दो एटीएम कार्ड का इस्तेमाल कर 1 लाख रुपये निकाले थे. “वह 5 लाख रुपये तक निकालने की योजना बना रहा था, लेकिन पुलिस को उस पर शक हो गया और उसे हिरासत में ले लिया गया. सख्ती से पूछताछ के दौरान आरोपी ने खुलासा किया कि कैसे वह और उसके अन्य साथी लोगों को ठगते थे और उनके बैंक खातों से पैसे निकालते थे. कुंदन ने साइबर धोखाधड़ी कर जमीन, ब्रांडेड सामान और लग्जरी कार खरीदी थी.
एक साल पहले कुंदन ने ली थी अपने गुरु चंदन से साइबर ठगी की ट्रेनिंग
पुलिस पूछताछ में कुंदन ने नवादा जिले के कतरी सराय इलाके के रहने वाले अपने गुरु चंदन कुमार का नाम बताया. पुलिस के मुताबिक “एक साल पहले, चंदन ने कुंदन को साइबर धोखाधड़ी करने के लिए प्रशिक्षित किया था. तभी से वह गिरोह का सक्रिय सदस्य बन गया. इस गिरोह में लगभग 25 लोग शामिल हैं. ”
एसएचओ भारती ने कहा कि यह उनका मुख्य पेशा बन गया है क्योंकि वे अपने मोबाइल फोन पर विभिन्न आकर्षक संदेश भेजकर लोगों को धोखा देते हैं या उन्हें कॉल करते हैं या ईमेल और सोशल मीडिया साइटों के माध्यम से पीड़ितों से संपर्क करते हैं.
साइबर फ्रॉड में शामिल अन्य लोगों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस कर रही जांच
एसएचओ ने कहा कि “आरोपी को भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 467 (मूल्यवान सुरक्षा, वसीयत की जालसाजी) और 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी) और इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी की संबंधित धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया है.” वहीं उन्होंने कहा कि साइबर धोखाधड़ी में शामिल अन्य लोगों का पता लगाने के ले जांच जारी है.
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