Patna Second Most Polluted City: बिहार की राजधानी पटना में प्रदुषण का हाल बुरा है. पटना में प्रदुषण का लेवल अक्सर खतरनाक ही होता है. एक बार फिर रविवार (05 मई) को पटना भारत का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर रहा, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 316 दर्ज किया गया. इसे 'बहुत खराब' की श्रेणी में रखा गया है.
इन शहरों का हाल भी बुरा
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) बुलेटिन के अनुसार राज्य के अन्य शहरों का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) भी 'खराब' दर्ज किया गया. जिसमें सीवान का 282, मुजफ्फरपुर का 233, हाजीपुर का 232 और बेतिया का 221 हैं. सीपीसीबी के अनुसार, 'बहुत खराब' वायु गुणवत्ता लंबे समय तक रहने पर श्वसन संबंधी बीमारी का कारण बनती है.
एक्यूआई हवा की गुणवत्ता का आकलन है, जो पीएम 2.5-2.5 माइक्रोन से कम कण और पीएम 10 सहित प्रदूषकों को ध्यान में रखता है. बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (बीएसपीसीबी) के अध्यक्ष देवेन्द्र कुमार शुक्ला ने पीटीआई-भाषा से कहा, "यह सच है कि राज्य के कुछ शहरों में हवा की गुणवत्ता खराब हो गई है. इसकी वजह हवा की कम गति, प्रदूषण नियंत्रण उपायों का पालन किए बिना चल रही निर्माण गतिविधियां और हाल ही में पटना और आसपास के इलाकों में आग लगने की घटनाएं हैं"
नगर निकायों को करने होंगे उपाय
देवेन्द्र कुमार शुक्ला ने कहा कि राज्य की राजधानी में बिगड़ती AQI को रोकने के लिए नगर निकायों को पानी का छिड़काव शुरू करना होगा. बारिश निश्चित रूप से कुछ तत्काल राहत लाएगी. उन्होंने कहा कि बीएसपीसीबी जल्द ही राज्य के कुछ शहरों में बिगड़ते एक्यूआई स्तर को रोकने के लिए अपना अभियान तेज करेगा. आपको बता दें कि इससे पहले भी ठंड और दीपावली के मौके पर पटना का एक्यूआई काफी बढ़ गया था. पटना का एक्यूआई के चार सौ के पार चला गया था. तब लोगों को सांस लेने में परेशानी जैसी शिकायतें भी बढ़ गईं थी.
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