Election 2024: सहनी ने मोतिहारी से डॉ राजेश कुशवाहा पर जताया भरोसा, बीजेपी के राधा मोहन झा से होगा मुकाबला
Rajesh Kushwaha VIP Candidate: झंझारपुर और गोपालगंज सीट से नामों की घोषणा के बाद मुकेश सहनी ने अपने तीसरे और आखिरी उम्मीदवार की घोषणा भी कर दी है. वीआईपी को महागठबंधन से तीन सीटें मिली थीं.
Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के लिए वीआईपी चीफ मुकेश सहनी ने शुक्रवार (19 अप्रैल) को मोतिहारी से डॉ राजेश कुमार कुशवाहा को टिकट दिया है. इसके साथ ही सहनी को मिली तीनों सीट पर उम्मीदवारों के नामों की घोषणा पूरी हो गई. वीआईपी प्रत्याशी डॉ राजेश कुमार कुशवाहा का मोतिहारी सीट पर मुकाबला बीजेपी के राधा मोहन झा से होगा.
तीनों सीटों पर हुआ नामों का ऐलान
लोकसभा चुनाव में महागठबंधन ने सहनी को तीन सीटें दी हैं. जिनमें गोपालगंज, झंझारपुर और मोतिहारी शामिल है. गोपालगंज और झंझारपुर सीट से नामों का ऐलान पहले ही हो चुका है. झंझारपुर से वीआईपी ने सुमन कुमार महासेठ को पार्टी का उम्मीदवार बनाया है. इस सीट से पहले गुलाब यादव को टिकट दिए जाने की चर्चा थी, लेकिन सहनी ने सुमन महासेठ पर ही भरोसा जताया. हालांकि सुमन महासेठ 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में वीआईपी की टिकट से ही मधुबनी से चुनाव हार गए थे. वहीं गोपालगंज सीट से प्रेमनाथ चंचल उर्फ चंचल पासवान को टिकट मिला है. इनका मुकाबला एनडीए प्रत्याशी सांसद डॉ. आलोक कुमार सुमन से होगा.
मोतिहारी में छठे चरण में होना है मतदान
मुकेश सहनी इस बार खुद चुनाव नहीं लड़ रहे हैं. एबीपी न्यूज को उन्होंने बताया था कि महागठबंधन से उन्हें जो तीन सीटें मिली हैं उस पर वो अपने उम्मीदवार उतारेंगे. सहनी को जो तीन सीटें मिली हैं उसमें से गोपालगंज और मोतिहारी में छठे चरण में मतदान होना है. जबकि झंझारपुर में तीसरे चरण में वोटिंग होगी. बता दें कि मुकेश सहनी ने कहा था कि जो गठबंधन निषाद समाज को आरक्षण देने का ऐलान करेगा, उसके साथ ही वीआईपी का गठबंधन होगा. सहनी की बात बीजेपी से नहीं बनी और उसके बाद मुकेश सहनी ने अपनी शर्त के साथ महागठबंधन का दामन थाम लिया.
मुकेश सहनी का बिहार में जीत का दावा
महागठबंधन में शामिल होने के बाद मुकेश सहनी ने बिहार में इंडिया गठबंधन की बड़ी जीत का दावा किया है. उन्होंने कहा है कि बिहार में 40 सीटों पर बीजेपी को हराएंगे. अब देखने वाली बात होगी कि सहनी के दावे में कितना दम है और वो इस बार खुद कितनी सीटें जीत पाते हैं, क्योंकि 2019 के लोकसभा चुनाव में भी वो तीन सीट पर लड़े थे और तीनों पर हार हुई थी.
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