पटना: बिहार के शिक्षा मंत्री (Bihar Education Minister) चंद्रशेखर (Chandrashekhar) ने रामचरितमानस (Ramcharitmanas) को लेकर जो बयान दिया है वो उस पर कायम हैं. गुरुवार को मीडिया के सवालों का जवाब दिया और कहा कि उन्होंने संपूर्ण रामचरितमानस के लिए नहीं कहा है. वह अभी भी अपने बयान पर कायम हैं. कहा कि मांफी नहीं मागेंगे. मांफी वह लोग मांगेंगे जो दलित, पिछड़ों के साथ अन्याय कर रहे हैं.


गुरुवार की शाम शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने ट्वीट कर लिखा- "मेरा बयान बहुजनों के हक में है और मैं उस पर अडिग व कायम रहूंगा. ग्रंथ की आड़ में गहरी साजिश से देश में जातीयता व नफरत का बीज बोने वाले बापू के हत्यारों के प्रतिक्रिया की परवाह नहीं करता. वे इस कटु सत्य को भी विवादित बयान समझते हैं तो यह उनकी समझ हो सकती है."






10 करोड़... दे दो भैया


इस दौरान चंद्रशेखर ने यह भी कहा कि हमारा जीभ काटने का दस करोड़? भैया दे दो, कोई तो अमीर हो जाएगा. हम तो जलने वाले लोग हैं. जो जलेगा नहीं वो निखरेगा नहीं. सूर्य जलता है तो दुनिया प्रकाशित होती है.


बता दें कि अयोध्या के महंत जगद्गुरु परमहंस आचार्य ने प्रतिक्रिया देते हुए यह कहा कि मंत्री को बर्खास्त किया जाए. महंत ने बताया कि बिहार के शिक्षा मंत्री ने जिस तरह से रामचरितमानस ग्रंथ को नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बताया है. उससे पूरा देश आहत है. आगे कहा कि बिहार के शिक्षा मंत्री की जीभ काटने वाले को वो 10 करोड़ रुपये का इनाम देंगे. इसी पर शिक्षा मंत्री ने अपनी प्रतिक्रिया दी.


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