सुपौलः जिले के उत्पाद विभाग को 10 अगस्त से पेट्रोल मिलना बंद हो गया है. जिस पेट्रोल पंप से तेल मिलना था उसके संचालक ने विभाग को 5 लाख 85 हजार रुपये का बिल दिया है. पेट्रोल पंप संचालक की ओर से दिए गए लेटर में उत्पाद विभाग से कहा गया है कि जब तक बकाए बिल का भुगतान नहीं किया जाएगा वह तेल नहीं दे सकते हैं.
दूसरी ओर पेट्रोल नहीं मिलने की वजह से जिले में 10 अगस्त से ही शराबबंदी को लेकर जो छापेमारी अभियान चलाया जाता था वह बंद हो गया है. अब सबसे बड़ी बात है कि जब शराब धंधेबाजों के खिलाफ छापेमारी ही नहीं होगी तो फिर सरकार के शराबबंदी कानून का क्या होगा? छापेमारी अभियान के बंद हुए दो सप्ताह हो चुके हैं.
पेट्रोल देने का क्या है प्रावधान?
इस मामले में कृष्णा फ्यूल सेंटर के मैनेजर संतोष कुमार ने बताया कि पहले एक ही पंप से सारे विभाग को तेल दिया जाता था. समय पर भुगतान नहीं होने के कारण संबंधित पंप संचालक द्वारा डीएम को पत्र लिखकर लोड कम करने की गुहार लगाई गई थी. इसके बाद डीएम ने पत्र जारी कर समय पर भुगतान करने और अलग-अलग पंप को अलग-अलग विभाग की जिम्मेदारी दे दी. उसी के आलोक लोहियानगर स्थित कृष्णा फ्यूल सेंटर को चार विभाग आंवटित किया गया, जिसमें योजना विभाग, उत्पाद विभाग, पथ निर्माण विभाग और सांख्यिकी विभाग है. उत्पाद के अलावा अन्य विभागों का भुगतान समय पर हो जाता है. वहीं, इस मामले पर उत्पाद अधीक्षक सुधीर कुमार झा ने कहा कि 80 हजार की राशि आवंटित की गई है. यह पेट्रोल पंप को जमा किया जाएगा.
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