बिहार: दरभंगा में पीएफआई ने चिपकाए विवादित पोस्टर, बाबरी मस्जिद को लेकर की ये टिप्पणी
दरभंगा मुस्लिम बोर्ड मेंबर फराज कादमी ने कहा कि 6 दिसंबर 1993 को ही अयोध्या में बाबरी मस्जिद का विवादित ढांचा गिराया गया था. इसी को लेकर पीएफआई के कार्यकर्ताओं की ओर से ऐसे पोस्टर लगाए गए हैं.
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दरभंगा: बिहार के दरभंगा के उर्दू बाजार मोहल्ले में रविवार को कई जगहों पर पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया की ओर से विवादित पोस्टर चिपकाए गए हैं. इन पोस्टरों में बाबरी मस्जिद को लेकर उकसाने वाली टिप्पणी लिखी गई है. साथ ही आह्वान किया गया है कि 6 दिसंबर के दिन को भूल ना जाए. पोस्टरों में बाबरी मस्जिद के तीन गुम्बदों की तस्वीर है. पोस्टर उर्दू बाजार के हर चौक-चौराहों पर कई जगह लगाए गए हैं.
इस संबंध में दरभंगा मुस्लिम बोर्ड मेंबर फराज कादमी ने कहा कि 6 दिसंबर 1993 को ही अयोध्या में बाबरी मस्जिद का विवादित ढांचा गिराया गया था. इसी को लेकर पीएफआई के कार्यकर्ताओं की ओर से ऐसे पोस्टर लगाए गए हैं.
तीन दिनों पहले ईडी ने की थी छापेमारी
मालूम हो कि 3 दिन पहले ही बिहार के दरभंगा समेत पूरे देश के कई राज्यों में पीएफआई से जुड़े लोगों के दफ्तरों में ईडी द्वारा छापेमारी की गई थी. हालांकि, यह छापामारी सीएए/एनआरसी के खिलाफ देशभर में हुए विरोध प्रदर्शनों में विदेशी फंडिंग को लेकर की गई थी. दरभंगा में पीएफआई के जनरल सेक्रेटरी मोहम्मद सनाउल्लाह के घर पर छापेमारी की गई थी. जहां, लोगों ने ईडी की छापामारी को लेकर हंगामा किया था और ईडी के पदाधिकारियों की गाड़ी समेत लगभग एक घंटे से ज्यादा बंधक बनाकर रखा था.
क्या है पीएफआई?
बता दें कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का गठन 2006 में किया गया था. पीएफआई लोगों को उनका हक दिलाने और समाज सेवा का दावा करती है. 16 राज्यों में फैले इस संगठन की महिला विंग भी है. झारखंड में पीएफआई पर बैन भी लगाया गया था. झारखंड सरकार को इसके कुछ सदस्यों के सीरिया में लिंक मिले थे. 2018 में केरल में भी इसको प्रतिबंधित करने की मांग उठी थी. यह मांग एर्नाकुलम में एक छात्र की हत्या के बाद उठी थी और यूपी में हुई हिंसा में भी इस संगठन का हाथ होने का आरोप है. यूपी में पिछले 6 महीनों में संगठन काफी तेजी से फैला है.
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