बिहटा: बिहार से झारखंड के अलग होने के बाद बिहार में खनिज संपदा के नाम पर कुछ बचा तो वो है बालू. सोन नदी के बालू को अच्छा माना जाता है. बिहार के साथ-साथ दूसरे राज्यों में भी इसकी काफी मांग है. लेकिन कोरोना काल में बालू की लूट मची हुई है. कारण यह कि बिहार के तीन जिलों में लगभग 85 घाटों पर कई सालों से खनन करती आ रही ब्रॉडसन कंपनी ने 1 मई से खनन कार्य से खुद को अलग कर लिया है.


मूकदर्शक बनी हुई है पुलिस 


ब्रॉडसन के घाट से हटते ही भोजपुर और पटना जिला के कई घाटों पर बिना रोक-टोक के बगैर चालान के हजारों ट्रक और ट्रैक्टर पर बालू माफिया सोन नदी से बालू खनन कर उसे ढोने में जुट गए हैं. पुलिस मूक दर्शक बन हुई है. इस वजह से रोजाना राज्य सरकार के लाखों का नुकसान हो रहा है. इधर, बालू माफियाओं की मिलीभगत से पुलिस की भी चांदी कट रही है. 


नदी को होगा नुकसान


दअरसल, अधिकारियों से अपेक्षित सहयोग नहीं मिलने की वजह से ब्रॉडसन कंपनी ने 1 मई से खनन कार्य से खुद को अलग कर लिया है. इसके बाद से घाटों पर बालू की लूट मच गई है. प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो हजारों की संख्या में ट्रक और ट्रैक्टर 1 और 2 मई को अधिकांश घाटों से बालू लोड कर निकले. अगर यही हाल रहा तो नदी को बड़ा नुकसान होगा, जिसकी भरपाई अभी संभव नहीं है.


अधिकारियों ने कार्रवाई की कही बात


हालांकि, इस संबंध में जब राजस्व पदाधिकारी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अवैध तरीके से सरकार के राजस्व की चोरी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी. इधर, पटना जिला खनन पदाधिकारी राजेश कुशवाहा ने कहा कि वो पिछले कई दिन से कोरोना संक्रमित हैं. लेकिन अगर ऐसी सूचना है तो इस ओर उनकी टीम कार्रवाई करेगी.


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