Bihar Liquor Ban: शराब तस्कर को दबोचने के लिए बिहार पुलिस ने अपनाया ये हथकंडा, पढ़कर आप भी कहेंगे- अरे वाह!
पुलिस मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव बनकर दालकोला के उस मेडिकल शॉप पहुंची और फिर पुलिस द्वारा बिछाए गए जाल में समितुल्लाह फंस गया. पुलिस ने उसको बंगाल में उसी के ठिकाने से दबोच लिया और बिहार ले आई.
पूर्णिया: बिहार पुलिस इन दिनों शराबबंदी कानून (Liquor Ban in Bihar) को पूरी तरह से लागू कराने के लिए हर कोशिश कर रही है. न केवल शराब तस्करों पर शिकंजा कसा जा रहा है. बल्कि शराब माफियाओं को भी दबोचा जा रहा है. इसी क्रम में बिहार के मोस्ट वांटेड अपराधियों की लिस्ट में शामिल समितुल्लाह को पूर्णिया पुलिस ने सोमवार की शाम बंगाल से गिरफ्तार कर लिया. समीतुल्लाह की गिरफ्तारी के लिए पुलिस को मशक्कत करनी पड़ी. हालांकि, आखिर में पुलिस सफलता मिली.
दरअसल, बंगाल बॉर्डर होने की वजह से पूर्णिया के रास्ते तस्कर बिहार में लागू शराबबंदी कानून को ध्वस्त करने में लगे हुए हैं. ऐसे में पूर्णिया जिले में बिहार पुलिस और मद्य निषेध टीम द्वारा लगातार बंगाल के शराब माफियाओं शिकंजा कसा जा रहा है. इसी क्रम में मोस्ट वांटेड शराब माफिया समितुल्लाह उर्फ तनवीर को दबोचा गया है.
समितुल्लाह की गिरफ्तारी एक बड़ी चुनौती
बता दें कि शराब माफियाओं की लगातार हो रही गिरफ्तारी के बीच बिहार पुलिस के लिए समितुल्लाह की गिरफ्तारी एक बड़ी चुनौती थी. उसने अपने घर से निकलना बंद कर दिया था. ना ही वो किसी अनजान से मिलता और न किसी अनजान नंबर से आए कॉल को उठाता था. ऐसे में पुलिस के पास एक मात्र चारा दवा दुकान के जरिए उस तक पहुंचना रहा गया था. ये वही दवा दुकान है, जहां समितुल्लाह नशीली दवा मंगवाता था और फिर यहां से निकली शराब बनाने का धंधा चलता था. वहीं, नकली शराब की तस्करी पूर्णिया के रास्ते बिहार में की जाती थी.
पुलिस ने अपनाया ये हथकंडा
ऐसे में पुलिस मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव बनकर दालकोला के उस मेडिकल शॉप पहुंची और फिर पुलिस द्वारा बिछाए गए जाल में समितुल्लाह फंस गया. पुलिस ने उसको बंगाल में उसी के ठिकाने से दबोच लिया और पुर्णिया सदर थाना ले आई. पूछताछ के क्रम में समितुल्लाह उर्फ तनवीर ने कई बड़े नाम लिए, जिसमें कुछ की गिरफ्तारी पहले हो चुकी है और कुछ पुलिस की वांटेड लिस्ट में शामिल हो गए हैं.
गौरतलब है कि बिहार में शराबबंदी के बाद सबसे अधिक शराब की तस्करी बंगाल से हुई है. इस तस्करी का पहला ठिकाना पूर्णिया रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि बंगाल की सीमा से लगे पूर्णिया में आसानी से प्रवेश कर सकते हैं और यहां से बिहार के बाकी जिलों में जाना बेहद आसान है. इसका फायदा शराब माफियाओं ने बीते कुछ सालों से धड़ल्ले से उठाया है.
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