लखीसराय: बिहार के लखीसराय में तीन जालसाजों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. गुरुवार (1 फरवरी) को इनकी गिरफ्तारी और कारनामों के बारे में पुलिस ने जानकारी दी. इन लोगों के पास से एक लैपटॉप, प्रिंटर, स्कैनर, भारी मात्रा में शैक्षणिक प्रमाण पत्र सहित कई बैंक के पासबुक, चेक बुक और एटीएम कार्ड मिले हैं. गिरफ्तार तीनों ठगों की पहचान लखीसराय जिला निवासी नीतीश कुमार, नालंदा के राज किरण और नीतीश पटेल के रूप में की गई है. इनके कारनामे जानकर आप भी दंग रह जाएंगे.


क्या करते थे ये काम?


राज किरण और नीतीश पटेल नालंदा के बेन प्रखंड में कार्यपालक सहायक के पद पर कार्यरत हैं. गिरफ्तारी के बाद गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर लखीसराय के एसपी पंकज कुमार ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि बड़हिया के ज्वास निवासी नीतीश कुमार अपने गांव में सीएससी चलाता है. वह अपने सीएससी खातों को साइबर ठगों के साथ सांठगांठ कर भाड़े पर देता है. इससे बड़े पैमाने पर रुपयों का लेन-देन होता है. इसी सूचना पर डीएसपी आकाश किशोर के नेतृत्व में छापेमारी कर एक के बाद एक कर तीनों आरोपितों को गिरफ्तार किया गया.


24 से 48 घंटे में करीब डेढ़ करोड़ का ट्रांजेक्शन


पूछताछ के दौरान नीतीश कुमार ने बताया कि उसने अपने सहयोगी राज कुमार किरण को सीएससी का लिंक और आईडी-पासवर्ड भाड़े पर दिया था. उसके बाद खाते से 24 से 48 घंटे में डेढ़ करोड़ के आसपास का लेनदेन हुआ था. नीतीश पटेल के द्वारा विभिन्न परीक्षाओं में सेटिंग का भी काम किया जाता है.


एसपी ने बताया कि नीतीश पटेल के कमरे से तलाशी के दौरान कई बैंकों के पासबुक, विभिन्न तरह के प्रिंटर, सीपीयू, लैपटॉप, फॉर्म स्कैनर आदि मिले. कई छात्रों का ओरिजिनल एडमिट कार्ड, ज्यूडिशियल स्टाम्प पर किए गए हस्ताक्षर का फॉर्म मिला. ये लोग साइबर ठगी के अलावा विभिन्न परीक्षाओं में सेटिंग का काम करते थे. नीतीश ने अपने सीएससी सेंटर का लिंक-पासवर्ड दिया था. 24 से 48 घंटे में एक से डेढ़ करोड़ का ट्रांजेक्शन हुआ था. खासकर महाराष्ट्र से हुआ था. मुंबई की पुलिस भी इसे खोज रही है. वहां की पुलिस को इसकी सूचना दी जा रही है. इन्होंने जो आगे का लिंक बताया है उस पर भी कार्रवाई चल रही है.


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