पटना: रामनवमी पर नालंदा (Nalanda) जिले के बिहारशरीफ (Bihar Sharif) में हुए सांप्रदायिक दंगे (Communal Violence) के मामले में पुलिस (Police) ने पांच और लोगों को गिरफ्तार किया है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इन पांचों आरोपियों को बिहार पुलिस (Bihar Police) की आर्थिक अपराध शाखा (EOU) ने गिरफ्तार किया है. इनमें मनीष कुमार, तुषार कुमार तांती, धर्मेंद्र मेहता, भूपेंद्र सिंह राणा उर्फ चंदन सिंह और निरंजन सिंह शामिल हैं. 


बताया कि नालंदा सांप्रदायिक हिंसा के अलावा कुछ और मामलों में भी संलिप्त दो वांछित आरोपियों ने रविवार को पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. उन्होंने कहा कि पुलिस ईओयू की अदालत से उनकी हिरासत मांगेगी. ईओयू यह भी जांच कर रही है कि आत्मसमर्पण करने वाले आरोपियों का संबंध किसी संगठन से तो नहीं है. 


व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर फैलाई नफरत


बिहार पुलिस के अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) जेएस गंगवार ने बताया कि ईओयू की जांच में खुलासा हुआ कि आरोपियों ने व्हाट्सएप ग्रुप बनाया और इसके जरिए अलग-अलग समुदायों के खिलाफ लोगों में घृणा फैलाई. आरोपी ने फर्जी वीडियो के जरिए भी अलग-अलग समुदायों के लोगों को उकसाया. ईओयू ने आरोपियों से पांच मोबाइल फोन बरामद किए हैं, जिनकी जांच की जा रही है.


फर्जी वीडियो मामले में 15 पर एफआईआर


उन्होंने बताया कि ईओयू नालंदा और सासाराम (रोहतास जिला) में सांप्रदायिक तनाव के दौरान सोशल मीडिया मंच के जरिए फर्जी वीडियो और संदेश प्रसारित करने वाले लोगों को पकड़ने के लिए अलग से जांच कर रही है और आठ अप्रैल को 15 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई. गंगवार ने बताया कि जिन पांच आरोपियों को पकड़ा गया है, वे सभी पहले से नामजद थे. 


अब तक 200 से ज्यादा की गिरफ्तारी


एडीजी ने कहा कि बिहार पुलिस ने नालंदा और रोहतास जिले में हुई हिंसा की घटनाओं को लेकर ईओयू की प्राथमिकी सहित कुल 20 मामले दर्ज किए हैं. 200 से अधिक लोगों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है. बिहार पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पहचान गुप्त रखते हुए बताया कि संपत्ति कुर्क करने के भय से सांप्रदायिक हिंसा के कई आरोपियों ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण करना शुरू कर दिया है.


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