'साहब का आदेश है क्या करें...', कैदियों को लेकर 22 किलोमीटर पैदल चले सिपाही, अब Video हो रहा Viral, देखें यहां
लोनों ने जब सिपाहियों से पूछा कि वे 22 किलोमीटर दूर स्थिति जेल पैदल क्यों जा रहे तो उन्होंने एसएचओ के गुस्से और फरमान का हवाला देकर अपनी मजबूरी बताई और फिर पैदल ही 22 किलोमीटर की यात्रा पर निकल गए.

पटना: बिहार पुलिस अपने अजीबोगरीब कारनामों को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहती है. ताजा मामला प्रदेश के वैशाली जिले का है, जहां थानेदार के आदेश पर सिपाहियों को कैदियों को 22 किलोमीटर दूर जेल पैदल लेकर जाना पड़ा. अब सिपाहियों द्वारा कैदियों को सड़क पर लेकर चलने का वीडियो वायरल हो रहा है, जिससे बिहार पुलिस की किरकिरी हो रही है. दरअसल, जिले के महुआ थाने की पुलिस ने पुलिस पर हमला करने के मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया था.
गाड़ी मांगने पर गुस्सा गए एसएचओ
हालांकि, गिरफ्तार आरोपियों को जब जेल भेजने की बारी आई तो थानेदार ने गाड़ी नहीं होने की बात कही. ऐसे में आरोपियों को जेल पहुंचाने वाले सिपाहियों ने जब थानेदार से पूछा कि बिना गाड़ी के इतनी दूर कैसे जाएंगे तो एसएचओ ने दो टूक कह दिया कि पैदल जाओ. ऐसे में उनके गुस्से को देख सिपाही सहम गए और गुस्से को आदेश मान पैदल ही कैदियों को लेकर थाने से निकल गए.
फक्र करें या फिर शर्म!थानेदार गाड़ी नहीं दे रहे हैं,कह रहे हैं पैदल जाओ.बिहार में पुलिस लाचार!थानेदार के गुस्से का हुआ ऐसा शिकार कि क़ैदियों को जेल ले जाने के लिए नहीं मिली गाड़ी तो महुआ से हाजीपुर तक करना पड़ा 22 किलोमीटर का करना पड़ा पैदल मार्च.वैशाली से राजा बाबू @abpbihar pic.twitter.com/ilPzJHCHf8
— Prakash Kumar (@kumarprakash4u) January 31, 2022
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सिपाही हाथों में हड़कड़ी लगाए कैदियों को लेकर पैदल चल रहे थे. इस दौरान जब लोगों ने ऐसा होते देखा तो पूरे प्रकरण का वीडियो बना लिया. वहीं, सिपाहियों से पूछा कि वे 22 किलोमीटर दूर स्थिति जेल पैदल क्यों जा रहे तो उन्होंने एसएचओ के गुस्से और फरमान का हवाला देकर अपनी मजबूरी बताई और फिर पैदल ही 22 किलोमीटर की यात्रा पर निकल गए.
सिपाही ने बताई पूरी बात
कैदियों को ले जा रहे सिपाही ने बताया, " हमने साहब को बोला कि कैदियों को बिना गाड़ी के जेल कैसे ले जाएंगे? इतनी बात सुनते ही साहब गुस्से में आ गए और बोले कि पैदल जाओ. ऐसे में हम लोग सभी कैदी को लेकर थाने से पैदल ही निकल गए. अभी तक हम लोगों ने चार किलोमीटर का ही रास्ता तय किया. हाजीपुर पहुंचने में दो-तीन घंटे लगेंगे. लेकिन साहब का आदेश हुआ है, तो हम लोग क्या कर सकते हैं. आदेश का पालन करना तो पड़ेगा."
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