सुपौल: बिहार के सुपौल जिले में सदर थाना की पुलिस के हेराफेरी का मामला सामने आया है. मामला थानाध्यक्ष मनोज महतो और और अपर थानाध्यक्ष बिनोद कुमार सिंह से जुड़ा है. आरोप है कि दोनों ने मिलकर डॉक्टर और मृतक के परिजनों के बीच मैनेज करा दिया. ताकी बात थाने तक पहुंचे ही नहीं. हालांकि, पुलिस की इस हेराफेरी का वीडियो एबीपी न्यूज के हाथ लग गया है, जिसको दिखाने पर आला अधिकारियों द्वारा पूरे मामले में कार्रवाई की बात कही गई है.


जानें क्या है पूरा मामला 


दरअसल, शहर के एक निजी क्लिनिक में 17 फरवरी की देर रात सदर थाना क्षेत्र के कुम्हैट गांव के रहने वाले विनोद यादव के चार साल के बेटे की इलाज के दौरान मौत हो गई थी. परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों की लापरवाही के कारण बच्चे की मौत अस्पताल में हो गई. लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने मरीज के परिजनों से करीब 60-70 हजार रुपये ऐंठ लिए, फिर रात के 12 बजे बच्चे की मौत होने की सूचना देकर अस्पताल को बंद कर दिया. हालांकि, जब परिजनों ने बच्चे का शव मांगा तो वहां मौजूद अस्पताल कर्मियों ने उन लोगों की जमकर पिटाई की और फिर लाश को एम्बुलेंस में डालकर अन्यत्र भेज दिया.


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बिना बुलाए ही पहुंच गई पुलिस


ऐसे में परिजन अगली सुबह गांव के कुछ लोगों को लेकर अस्पताल पहुंचे. लेकिन तब तक पुलिस बिन बुलाए ही अस्पताल पहुंच गई और मामले को दबाने में जुट गई. पुलिस की मौजूदगी में अस्पताल प्रबंधन की ओर से परिजनों के अकाउंट में 20 हजार रुपये ट्रांसफर किए गए. वहीं, उनके हाथों में 20 हजार नकद दिए गए. पैसों की लेनदेन के बाद सदर थाने से परिजनों को बच्चे की लाश मिली. हालांकि, पुलिस की इस करतूत का वीडियो एबीपी न्यूज के हाथ लग गया.


इस बाबत सदर डीएसपी कुमार इंद्रप्रकाश से पूछा गया तो उनका कहना था कि वीडियो मीडिया द्वारा संज्ञान में लाया गया है. मामले में जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी. लेकिन चार दिन बीत जाने के बाद भी ना कोई कार्रवाई हुई और ना ही कोई जांच दिख रही है. 


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