सीवान: नीतीश कुमार ने बिहार पुलिस को शराबियों पर नकेल कसने की पूरी छूट दे रखी है लेकिन इसका कितना असर इसकी पोल हमेशा खुलती रहती है. धड़ल्ले से सप्लाई हो रही है और कुछ पुलिस वाले ही उसका फायदा उठाने में लगे हैं. मामला सीवान का है जहां उत्पाद विभाग की पुलिस को घूस नहीं मिला तो इतना पीटा कि शख्स को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. पिटाई का आरोप उत्पाद विभाग के दारोगा सुनील यादव पर लगा है. हद देखिए कि इतना होने के बाद भी उत्पाद विभाग के अधीक्षक को कुछ पता भी नहीं है.


क्या है पूरा मामला?


शराब मामले में पकड़ा गया आरोपी जफर इमाम है. उसने शनिवार को बताया कि 22 दिसंबर की रात 10 बजे रेलवे लाइन के पास से उत्पाद विभाग के दारोगा सुनील यादव ने तीन लोगों को पकड़ा था. तीनों को लेकर थाने पहुंचे. यहां उससे छोड़ने के बदले 50 हजार रुपये की मांग की गई. नहीं देने पर बेरहमी से पिटाई की. जफर इमाम ने यह भी कहा कि वे तीन लोग थे. उसने न तो शराब पी थी और न ही शराब उसका था.


जफर ने कहा कि लाइन उस पार से कुछ शराब बरामद की गई थी. पुलिस को पैसा नहीं दिया तो झूठा केस कर दिया. उसके अलावा सुधीर प्रसाद और मो. सोनू को पकड़ा गया है. बताया जाता है कि पुलिस ने पकड़े गए तीनों आरोपियों को जेल भेजा लेकिन जफर को लेने से जेल प्रशासन ने मना कर दिया और इलाज कराने के लिए सदर अस्पताल भेज दिया. जफर ने यह भी कहा कि उसे करंट का झटका भी दिया गया है. दारोगा सुनील यादव का कहना था कि कहीं से पैसा मंगा कर दो. पुलिस ने उसके पास से 10 हजार कैश और उसका मोबाइल रख लिया है.


उत्पाद अधीक्षक घटना से अंजान


इस पूरे मामले में उत्पाद विभाग की पुलिस ने 653/22 केस दर्ज किया है लेकिन पिटाई को अधीक्षक प्रियरंजन कुमार को कुछ पता नहीं है. बिल्कुल अंजान हैं. फोन पर बात की गई तो कहा कि सुनील यादव नाम का दारोगा है, लेकिन पकड़े जाने के बाद आरोपी झूठ सच बोलता है.


यह भी पढ़ें- Watch: बेतिया में जमीन के चक्कर में 5 लोगों को मारी गोली, तीन महिलाएं और दो लड़कियां जख्मी, सामने आया वीडियो