हाजीपुर: सूबे में आने वाले दिनों में बिहार पुलिस के अधिकारी डायरी, पेन और फाइल बदले हाथों में टैब लिए नजर आएंगे. वहीं, प्रशासनिक अधिकारी एडवांस गैजेट की मदद से थानों में काम करते दिखेंगे. दरअसल, ई-पुलिसिंग कार्यक्रम के तहत बिहार में पुलिस अधिकारियों को टैब मुहैया कराया गया है, जिससे वे पेपरलेस पुलिसिंग को बढ़ावा देंगे.


पुलिस अधिकारियों को दी जा रही है ट्रेनिंग


कार्यक्रम के तहत हाजीपुर पुलिस मुख्यालय के सभी थानों और ओपी के पुलिस अधिकारियों को टैब मुहैया कराया गया है और ई-पुलिसिंग की ट्रेनिंग दी गई है. पुलिसिंग के नए ऐप को इस्तेमाल का तरीका भी पुलिस अधिकारियों को सिखाया गया है. दरअसल, बिहार पुलिस तेजी से डिजिटल होने की तरफ अग्रसर है और आने वाले दिनों में थाने में होने वाले सभी काम काज को डिजिटल करने की तैयारी है. ऐसे में सभी पुलिस अधिकारियों को इसकी ट्रेनिंग देने का सिलसिला जारी है.


अपनाया जाएगा पेपरलेस तरीका


इस संबंध में हाजीपुर मुख्यालय डीएसपी देवेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि स्मार्ट पुलिसिंग की तरफ ये पहला कदम है. आने वाले दिनों में थाने और पुलिस की कागजी कार्रवाई को सीमित कर पेपरलेस और ऑनलाइन तरीके अपनाए जाएंगे. उन्होंने बताया कि आने वाले समय में पुलिस के सभी काम काज को डिजिटल किया जाएगा, जिससे समय की बचत होगी और पुलिस के काम में तेजी आएगी.

पासपोर्ट वेरिफिकेशन होगा आसान

गौरतलब है कि हाल ही में तिरहुत प्रमंडल के आईजी ने एक नंबर जारी किया था और सनहा जैसी छोटी-मोटी शिकायतों के लिए व्हाट्सअप के जरिए घर बैठे शिकायत दर्ज कराने की सुविधा दी थी. अब बिहार पुलिस ने पासपोर्ट वेरिफिकेशन में लगने वाली देरी को कम करने के लिए एम-पासपोर्ट ऐप लॉन्च किया है. पासपोर्ट ऑफिस, मुख्यालय और थानों के बीच कागजों की अदला बदली में लगने वाले समय को खत्म करने के उद्देश्य से इंटरनेट और ई-वेरिफिकेशन के सुविधा की शुरुआत की है.


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