पटना: बिहार पुलिस ने पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में अंतरराज्यीय सीमा पार करके कथित तौर पर नौ झोपड़ियों को गिरा दिया. इस दौरान महिलाओं सहित कई नागरिकों के साथ मारपीट की गई है. मालदा जिला प्रशासन के अधिकारियों ने रविवार को यह दावा किया. यह घटना हरिश्चंद्रपुर दो ब्लॉक के सदलीचक ग्राम पंचायत इलाके में शुक्रवार रात को घटी. झोपड़ियों को गिराने के लिए बुलडोजर का इस्तेमाल किया गया. यह स्थान दोनों राज्यों के बीच की सड़क पर पश्चिम बंगाल की तरफ है.


इस लेकर मालदा के जिलाधिकारी राजर्षि मित्रा ने कहा कि पश्चिम बंगाल के तीन परिवारों के नौ मकान ढहा दिए गए. उच्च अधिकारियों को इसकी जानकारी दे दी गई है. मामले पर बिहार के कटिहार जिला प्रशासन से बातचीत की गई है. जिलाधिकारी ने बताया कि जिन लोगों की झोपड़ियां तोड़ी गई हैं, उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है. लोगों का दावा है कि वे पीढ़ियों से सरकारी जमीन पर रहते आ रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस के समर्थक गणेश प्रामाणिक ने बिहार के पुलिसकर्मियों को रिश्वत देकर घरों को ढहाने की कार्रवाई कराई है. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रामाणिक अकसर उनसे झगड़ते हैं और उनसे सरकारी जमीन को खाली करने को कहते हैं.


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बेघर हुए पीड़ित अब खुले में रहने को विवश


एक पीड़ित व्यक्ति ने कहा कि बिहार पुलिस ने हमारे आवास ढहा दिए हैं, जिससे हम खुले में रह रहे हैं. बारिश में भीग रहे हैं और हमने खाना भी नहीं खाया है. इधर, घटना की सूचना पर क्षेत्र का दौरा करने पहुंचे मालदा उत्तर से बीजेपी सांसद खगेन मुर्मू ने कहा कि गांव और इलाका पश्चिम बंगाल में आता है. बिहार सड़क की दूसरी ओर है. अचानक बिना किसी उकसावे के बिहार पुलिस ने पश्चिम बंगाल की तरफ की झोपड़ियों को ढहा दिया है.


बीजेपी सांसद ने तृणमूल कांग्रेस पर लगाया आरोप


बीजेपी सांसद ने कहा कि ये लोग दशकों से यहां रहते आ रहे हैं. मुझे पता चला है कि जिस जमीन पर ये झोपड़ियां बनी थीं उसके बगल वाली जमीन तृणमूल कांग्रेस के लोगों की है और वे चाहते हैं कि इलाका साफ हो जाए और उन्होंने इसके लिए बिहार पुलिस को रिश्वत दी है. मैं आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करता हूं.


तृणमूल कांग्रेस इन आरोपों को किया खारिज


वहीं, हरिश्चंद्रपुर से तृणमूल कांग्रेस के विधायक ताजमुल हुसैन ने राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी पर लगे इस प्रकार के आरोपों को खारिज किया. उन्होंने कहा कि गणेश प्रामाणिक के खिलाफ आरोप लगाए जा रहे हैं, वह पार्टी का पदाधिकारी नहीं है. वह पार्टी का समर्थक भर है. उसके द्वारा व्यक्तिगत स्तर पर किए गए किसी भी कथित कार्य से पार्टी किसी भी प्रकार से जुड़ी नहीं है और न ही जिम्मेदार है.


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