बिहार पुलिस को मधुबनी में बंधक बनाकर पीटा था, अब शुरू हो गई कार्रवाई, 4 गिरफ्तार, क्या बोले SP?
Madhubani News: पूरा मामला अरेर थाना क्षेत्र क्षेत्र के ढंगा पश्चिम का है. मंगलवार को घटना हुई थी. बंधक बनाए जाने वालों में जवानों के साथ अरेर एसएचओ नेहा निधि भी शामिल थीं.
मधुबनी: अरेर थाना क्षेत्र के ढंगा पश्चिम में मंगलवार (20 फरवरी) मारपीट की सूचना मिलने पर पुलिस सत्यापन और कार्रवाई के लिए पहुंची थी. इस दौरान आरोपितों ने महिला एसएचओ और तीन पुलिसकर्मियों को बंधक बना लिया था. उनके साथ बदसलूकी की गई और हथियार छीनने की भी प्रयास किया गया था. इस मामले में अब कार्रवाई शुरू हो गई है. चार आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. बीते गुरुवार (22 फरवरी) को एसपी सुशील कुमार ने मौके पर पहुंचकर मुआयना किया.
इस मामले में एसएचओ नेहा निधि के बयान पर ढंगा के गुलाब ठाकुर, जयप्रकाश ठाकुर, लालबाबू ठाकुर, शैलेंद्र ठाकुर, बिकाऊ ठाकुर, निर्मला देवी, भगवान जी यादव, रविन साव, सुजीत ठाकुर, राहुल कामत, मनिता कामत सहित 12 नामजद एवं 25 अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. नेहा निधि ने बताया कि गिरफ्तार चार आरोपितों को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा जा रहा है.
एसपी बोले- 'किसी को बक्शा नहीं जाएगा'
गुरुवार को घटनास्थल का मुआयना करने के बाद मधुबनी के एसपी सुशील कुमार ने मीडिया से बात की. उन्होंने कहा कि आरोपित कोचिंग चलाता है. उसी में पुलिसकर्मियों को बंद कर दिया गया था. कोचिंग सेंटर सरकारी जमीन पर पाया गया. इसको लेकर संबंधित एसडीएम को पत्राचार किया जाएगा और सरकारी जमीन को भी अतिक्रमण मुक्त किया जाएगा. चार लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है और अन्य की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है. घटना में शामिल किसी को बक्शा नहीं जाएगा.
क्या है मामला?
अरेर एसएचओ के स्वलिखित बयान के अनुसार वे दलबल के साथ 20 फरवरी को शाम के 5:10 बजे संध्या गस्ती के लिए निकली थीं. 8 बजे शाम में उन्हें ढंगा पश्चिम के पशुपति नाथ मिश्र की पुत्री रोजी कुमारी का फोन आया. बच्ची ने रोते हुए सूचना दी कि कुछ लोग उसके घर में घुसकर उसके और उसकी मां-बहन के साथ मारपीट कर रहे हैं. इसके बाद एसएचओ दलबल के साथ पहुंचीं. मारपीट कर रहे महिला-पुरुष को समझाने का प्रयास किया गया लेकिन कोई मानने को तैयार नहीं हुआ.
आरोपित लोग मारपीट, गाली-गलौज, धमकी एवं बदसलूकी करने लगे. उनका (एसएचओ) निजी मोबाइल एवं शस्त्र भी छीन लिया गया. पुलिस वाहन को भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया. इसके बाद एसएचओ ने सरकारी मोबाइल से इस संबंध में वरीय अधिकारियों को सूचना दी. तब जाकर अन्य थानों की पुलिस टीम पहुंची और सबको मुक्त कराया. रहिका प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में प्राथमिक उपचार भी कराया गया था.
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