Kavad Yatra 2024: 22 जुलाई से पूरे देश के बड़े शिवालयों में कांवड़ यात्रा शुरू होने जा रही है. उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में जहां एक महीने की कांवड़ यात्रा होती है तो बिहार और झारखंड में भी बड़ी कांवड़ यात्रा होती है, लेकिन इस बार कांवड़ यात्रा राजनेताओं के लिए सियासी मुद्दा बन गया है. उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने कांवर यात्रा के दौरान दुकानदारों को नेम प्लेट लगाने का आदेश दे दिया है तो अब बिहार में इस पर सियासत शुरू है. बिहार में बीजेपी के नेता भी इस तरह की मांग बिहार और झारखंड सरकार से करने लगे हैं.


क्या था प्रेम रंजन पटेल का बयान?


बीजेपी नेता प्रेम रंजन पटेल ने इस मांग की शुरुआत की तो एनडीए में शामिल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने बीजेपी नेताओं को नसीहत देने के साथ-साथ मुहावरे से समझाने लगे हैं तो आरजेडी ने अब जेडीयू नेताओं से सवाल किया है कि यह बताएं क्या आप भी उनकी मांग से सहमत हैं. प्रेम रंजन पटेल का जवाब देते हुए  मुस्लिम समाज से आने वाली मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड की प्रवक्ता अंजूम आरा ने कहा कि यह हमारे देश के मिट्टी की ताकत है कि सभी धर्म के लोग के रहते हुए भी हम लोग में यूनाइट हैं और रही बात जो दूसरे प्रांत का मॉडल है उसे बिहार में अपनाने की तो इसकी आवश्यकता क्या है?


'नीतीश कुमार ने समाज में विभेद नहीं किया'


बिहार ने जो काम किया है उसे सेंट्रल के साथ-साथ दूसरे प्रान्तों ने मॉडल के रूप में एक्सेप्ट किया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी ने कभी भी जात धर्म और मजहब के नाम पर समाज में विभेद नहीं किया है और बिहार इसका सबसे बड़ा उदाहरण है. बिहार में उत्तर प्रदेश से भी बड़ा कांवड़ यात्रा निकलता है, छठ पर्व यहां मनाया जाता है और तमाम धर्म के लोग उसकी सेवा और सत्कार में लगे हुए रहते हैं. मुस्लिम समुदाय के लोग कांवड़ यात्रा में आने वाले लोगों की सेवा में लगे रहते हैं. यह हिंदुस्तान की धरती है यहां इन सारी चीजों का कोई स्थान नहीं है, यहां गंगा जमुनी तहजीब है. उन्होंने मुहावरा कहते हुए कहा कि तभी कहा जाता है- 'मंदिर में दाना चूंगकर चिड़िया मस्जिद में पानी पीती है' और 'राधा रानी की चुनरी कोई सलमा बेगम सिलती है'.


मृत्युंजय तिवारी ने जेडीयू पर साधा निशाना


वहीं कांवड़ यात्रा पर  प्रेम रंजन पटेल द्वारा दिया गया बयान पर आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि बीजेपी तो सीधे तौर पर जेडीयू को ही चिढ़ाने का काम कर रही है. अब जेडीयू बताएं क्या इसी तरह से चलेगा देश और राज्य बिहार में जिस तरह से बीजेपी के नेता  प्रेम रंजन पटेल ने कावड़ यात्रा के दौरान दुकान के आगे नेम प्लेट लगाने की बात कही उत्तर प्रदेश के तर्ज पर अब यह बताएं नीतीश कुमार और जेडीयू के नेता कि क्या इससे सहमत हैं कि नहीं, यह लोग तो सिर्फ नफरत फैलाना चाहते हैं समाज में. देश अपने नियम कानून और संविधान से चलेगा बीजेपी के नियम कानून संविधान से नहीं. बीजेपी के लोग योगी जी का बुलडोजर मॉडल की बात करते थे, इस बार चुनाव में आधे से भी कम पर जनता ने उन्हें सिमटा दिया और अयोध्या भी हार गए, तो इस बार यही रवैया रहा तो बीजेपी साफ हो जाएगी.


बिहार में कावड़ यात्रा पर सियासत


बतादें कि बीते शनिवार को बीजेपी के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा था कि कांवड़ यात्रा के दौरान बिहार में भी दुकानदारों को अपना नाम प्लेट लगना चाहिए. कांवड़ यात्रा आस्था और पवित्रता का प्रतीक है. उत्तर प्रदेश में जिस तरीके से यह पहल की गई है उसके बाद अब बिहार में भी करोड़ों लोग कांवड़ यात्रा करते हैं. ऐसे में इन कांवरियों के पवित्रता को ध्यान में रखकर  दुकानदारों को अपनी दुकान के बाहर अपने नाम का उल्लेख करना चाहिए सिर्फ बिहार ही नहीं झारखंड की सरकार को भी इसे पालन करना चाहिए, क्योंकि सुल्तानगंज से जल उठाकर कांवरिया देवघर में जल डालते हैं .