Bihar Political Crisis: बिहार में सत्ताधारी गठबंधन में उठापटक की खबरों के बीच राज्य सरकार में मंत्री शाहनवाज हुसैन ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि फिलहाल मै उद्योग मंत्री के रूप में आपसे बात कर रहा हूं, मुझे अभी क्या हो रहा है इसकी जानकारी नहीं है, न ही किसी ने फोन किया, 3 बजे दिल्ली से पटना के लिए निकलूंगा. राज्य सरकार के मंत्री ने कहा- मंत्रियों के तारकिशोर प्रसाद के घर पहुंचने की कोई जानकारी नहीं है. इसके अलावा उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल की पूर्ववर्ती सरकार पर भी टिप्पणी की. उन्होंने कहा 'अब अपहरण वाला नहीं सुपर-30 वाला बिहार है.'
वहीं पटना में भारतीय जनता पार्टी, जनता दल यूनाइटेड और राष्ट्रीय जनता दल के विधायकों अलग-अलग बैठक चल रहे हैं. 1 अणे मार्ग पर जहां जदयू नेता और सीएम नीतीश कुमार की अगुवाई में विधायकों की बैठक हुई तो वहीं पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर कांग्रेस, राजद और वाम दलों के विधायकों की बैठक चली. दूसरी ओर बीजेपी के नेताओं की बैठक डिप्टी सीएम तारकेश्वर प्रसाद के यहां हुई.
नीतीश कुमार का फैसला स्वीकार्य- केसी त्यागी
इससे पहले जनता दल (यूनाइटेड) ने सोमवार को कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में जो भी फैसला लिया जाएगा वह संगठन में सभी को स्वीकार्य होगा. जद(यू) प्रवक्ता के सी त्यागी ने यह भी कहा कि पार्टी के अंदर किसी तरह के विभाजन या फूट का कोई सवाल ही नहीं है.
उन्होंने कहा, “नीतीश कुमार जद (यू) के निर्विवाद नेता हैं. पार्टी के कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों में उनका सम्मान है. इसलिए पार्टी में किसी तरह के बंटवारे का सवाल ही नहीं है. नीतीश कुमार के नेतृत्व में पार्टी जो भी फैसला करेगी उसे सभी स्वीकार करेंगे.” पार्टी अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने सोमवार को कहा कि पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह के त्यागपत्र के बाद उभरे राजनीतिक परिदृश्य पर चर्चा के लिए मंगलवार को कुमार ने पार्टी के विधायकों और सांसदों की बैठक बुलाई है.
यह बैठक ऐसे समय में बुलाई गई है जब BJP के साथ पार्टी की दूरी स्पष्ट नजर आ रही है, खास तौर पर तब जब कुमार ऐसी कई बैठकों में मौजूद नहीं रहे जहां उन्हें भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेताओं के साथ मौजूद रहना था.