Bihar Politics: बिहार में क्या कुछ बड़ा होने वाला है,क्या सीएम नीतीश कुमार फिर से चौंका देंगे, ये वो सवाल हैं जो बिहार के सियासी गलियारे में हर तरफ घूम रहा है. फिलहाल महागठबंधन की सरकार बिहार में है लेकिन गठबंधन में 'गांठ' की खबरें भी आने लगी हैं. बिहार में सियासी अटकलों को तब और हवा मिल गई जब सीएम नीतीश कुमार के करीबी और बिहार सरकार में मंत्री अशोक चौधरी ने यहां तक कहा दिया कि अमित शाह ने कभी नहीं कहा कि बीजेपी में नीतीश कुमार के लिए दरवाजे बंद हैं. हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि हम लोग कहीं नहीं जा रहे हैं.


इस बीच बिहार बीजेपी के नेता भी अपने बयान से सियासी तड़का लगा दिया. बीजेपी के सीनियर नेता प्रेम कुमार ने मीडिया को दिए एक बयान में कहा कि अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार की वापसी का फैसला करते हैं तो बिहार बीजेपी स्वागत करेगी. जेडीयू और बीजेपी नेता के बयानों ने राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है. 


उधर दिल्ली में चिराग पासवान और पूर्व सीएम जीतन राम मांझी की दिल्ली में बैठक हुई. जीतन राम मांझी ने 25 जनवरी तक अपने विधायकों को पटना में रहने के लिए कहा है. जीतन राम मांझी ने एक्स पर लिखा, "दिल्ली में रहने के बावजूद बिहार के वर्तमान राजनैतिक हालात पर मेरी नजर है। राज्य के राजनैतिक हालात को ध्यान में रखते हुए मैंने अपने सभी माननीय विधायकों को आगामी 25 जनवरी तक पटना में ही रहने का निर्देश दिया है। जो भी हो राज्यहित में होगा। जय बिहार…"


वहीं, राष्ट्रीय लोक जनता दल के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा, "नीतीश कुमार परेशान हैं. आरजेडी के लोग उन्हें परेशान करते हैं. नीतीश अपनी जगह परेशान हैं और लालू यादव अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाने के लिए परेशान हैं. इसलिए ये स्थिति बनी हुई है."


तेजस्वी यादव ने अटकलों को किया खारिज


हालांकि, इन सब अटकलों के बीच बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने शुक्रवार (19 जनवरी) को सीएम नीतीश से उनके आवास पर मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद उन्होंने कहा कि महागठबंधन एकजुट है और अटकलों का कोई आधार नहीं है. उन्होंने कहा कि महागठबंधन एकजुट होकर जनता की परेशानियों को दूर करने के लिए काम कर रही है.


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