पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के बाद आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत दो दिवसीय दौरे पर बिहार आ रहे हैं, जिसको लेकर तैयारियां चल रही हैं. आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत पटना में पांच और छह दिसंबर को आरएसएस की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की क्षेत्र स्तर की आयोजित होने वाली बैठक में शामिल होंगे.


बिहार में नीतीश कुमार की नई सरकार के कामकाज संभालते ही आरएसएस प्रमुख के आगमन को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है. सुशील मोदी की जगह डिप्टी सीएम बने तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी संघ बैकग्राउंड से ही आते हैं. ऐसे में मोहन भागवत के पटना आने पर बीजेपी के कई नेता और मंत्री उनसे मुलाकात करेंगे.


बताते चलें कि आरएसएस के कार्यों की समीक्षा और आगे के कार्यों की योजना बनाने के लिए कार्यकारी मंडल की नियमित बैठक दीपावली के समीप रहती है. इसमें प्रांत, संघचालक, कार्यवाह, प्रचारक और कई लोग भाग लेते हैं. इस वर्ष यह बैठक उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में होनी थी, लेकिन कोरोना के कारण इस बैठक को स्थगित करना पड़ा. बैठक को लेकर संघ की तैयारी जोरों पर है.


कोरोना काल में सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करते हुए बैठक की तैयारी की जा रही है. इस बैठक में क्षेत्रीय कार्यकारिणी पदाधिकारी भी शामिल होंगे. कोरोना काल में भीड़ अधिक न हो, इसे देखते हुए देश के 11 क्षेत्रीय केंद्रों में यह बैठक करने का निर्णय लिया गया. इस बैठक में बिहार और झारखंड में संगठन के विस्तार, नियमित लगने वाली शाखाओं की संख्या बढ़ाने और प्रचारकों की भूमिका पर भी मंथन किया जाएगा.


इधर, मोहन भागवत के आगमन को लेकर सियासत गरमा गई है. मोहन भागवत के बिहार आने से पहले ही कांग्रेस ने उनकी यात्रा पर सवाल खड़े कर दिए हैं. पार्टी के वरीय नेता और एमएलसी प्रेमचंद मिश्रा ने कहा कि बिहार में आरएसएस अपने हिडेन एजेंडे पर काम तेज करने वाली है. संघ प्रमुख का दौरा उसी कड़ी का हिस्सा है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को राजनीतिक रूप से हाशिए पर करने की कोशिश है. नीतीश कुमार का दायित्व है उनके दौरे पर नज़र रखें. बीजेपी का बिहार, बंगाल टार्गेट में है.


आरजेडी नेता श्याम रज़क ने कहा कि अब तो नागपुरी अजेंडे को लागु करना है, इसलिए मोहन भागवत का आना आश्चर्यजनक नहीं है. मेरा मानना है कि एक अणे मार्ग में ही उस कार्यकारिणी की बैठक बुला लें और मोहन भागवत जी का वहीं सम्मान करें. श्याम रजक ने कहा कि बिहार की जनता मनुवाद के ख़िलाफ़ है. वो बिहार को भी क्या यूपी और जम्मू-कश्मीर की तरह करना चाहते हैं? हमलोगों की जान चली जाए लेकिन उनके एजेंडे को बिहार में लागू नहीं होने देंगे.


इधर, संघ प्रमुख पर कांग्रेस द्वारा लगाए गए आरोप पर पलटवार करते हुए JDU MLC ग़ुलाम रसूल बलियाबी ने कहा कि कांग्रेस से पूछ कर कोई कहीं जाएगा. ये देश सभी का है, कोई कहीं भी जा सकता है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार विकास के काम पर लगे हुए हैं, इसके पहले संघ प्रमुख कांग्रेस के शासन में भी आए हैं. कांग्रेस नीतीश कुमार की छवि को ख़राब करने की कोशिश कर रही है. कांग्रेस किसी के ठेकेदार है क्या? कांग्रेस भ्रम फैलाने का असफल प्रयास कर रहा है.


साथ कि BJP विधायक नितिन नवीन ने कांग्रेस को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर संघ प्रमुख के दौरे को लेकर कोई बयानबाज़ी की या अड़ंगा लगाया तो सदाक़त आश्रम में काम करना मुश्किल कर देंगे. संघ प्रमुख कहीं भी जा सकते है. देश में कांग्रेस का भी कुछ राज्यों में शासन में है. अगर हिम्मत है तो वहां भी कांग्रेस आरएसएस प्रमुख को रोक कर दिखाए.


यह भी पढ़ें- 


शहाबुद्दीन को तीन दिन की हिरासती पैरोल मिली, सिर्फ इन लोगों से मिलने की इजाजत

बिहार: सड़क मार्ग से पटना से आरा जाने वाले ध्यान दें, इन कारणों से शनिवार से पांच दिनों के लिए बंद रहेगा कोईलवर पुल