पटना: बिहार में 51 साल बाद इस बार विधानसभा पद के लिए चुनाव हो सकता है. इस बार विधानसभा स्पीकर के चयन के लिए सर्वसम्मति से नहीं बल्कि वोटिंग की प्रक्रिया अपनाई जा सकती है. बता दें कि कल यानी बुधवार को विधानसभा स्पीकर के लिए चुनाव होना है. चुनाव एनडीए और महागठबंधन के प्रत्याशी टकराएंगे. महागठबंधन की ओर से सिवान विधायक अवध बिहारी चौधरी को उम्मीदवार बनाया गया है, वहीं एनडीए ने पूर्व मंत्री विजय कुमार सिन्हा को मैदान में उतारा है.


इधर, दोनों गठबंधनों की ओर से विधानसभा अध्यक्ष पद दावेदारी पर AIMIM के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने तंज कसते हुए कहा है कि हम तीसरा मोर्चा हैं. उन्होंने कहा अध्यक्ष पद के लिए बढ़ती दावेदारी को देखकर लगता है कि अब हमें भी अपना दावेदार उतारने पर विचार करना चाहिए. हालांकि बाद में उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष को अध्यक्ष का पद देना चाहिए और विपक्ष को उपाध्यक्ष.


गौरतलब है कि इस बार के बिहार विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर आरजेडी उभरी है, वहीं बीजेपी दूसरे नंबर की पार्टी है. ऐसे में कल दोनों पार्टी के उम्मीदवारों के बीच विधानसभा सभा अध्यक्ष पद के लिए टक्कर होगी.


बता दें कि सत्ता पक्ष के पास खुद के 125 वोट हैं, एलजेपी निर्दलीय और बीएसपी मिलाकर यह 128 हो सकता है. वहीं, विपक्ष के पास 110 वोट हैं, ओवैसी की पार्टी को मिलाकर 115 हो सकता है. ऐसे में पक्ष और विपक्ष बुधवार को होने वाले चुनाव को लेकर सियासी समीकरण सेट करने में जुटी हुई है. विधानसभा अध्यक्ष के लिए बुधवार की सुबह 11:00 बजे से लेकर शाम 4:00 बजे तक वोटिंग होगी. शाम 5:00 बजे से होगी वोटों की गिनती होगी.