पटनाः लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के यहां सीबीआई की छापेमारी के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) और तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) की नजदीकियों पर कई तरह के कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन इन सबके बीच जेडीयू में लंबे समय तक प्रदेश अध्यक्ष के पद पर रहे वशिष्ठ नारायण सिंह (Vashishtha Narayan Singh) ने बयान दिया है कि एनडीए में सब कुछ ठीक है. रविवार को उनसे ललन सिंह (Lalan Singh) उनसे मुलाकात करने पहुंचे थे. इस पर कहा कि वो हर 10 से 15 दिनों के बीच में मिलने आते हैं. चाहे वह पटना रहें या फिर दिल्ली. आकर मिलते रहते हैं और राजनीति पर भी बातें होती हैं.


वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि बीजेपी और जेडीयू दोनों पार्टियां गौरवान्वित महसूस करती हैं कि इतने लंबे समय तक इतने अच्छे ढंग से सरकार चला रही हैं. दोनों का एक साथ काम करने का पूरे देश में रिकॉर्ड कायम है. उन्होंने जेडीयू को लेकर कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जेडीयू में सर्वमान्य नेता हैं. जब राज्यसभा सांसद के चुनाव को लेकर अनिल हेगड़े का नाम आया तो पार्टी के सभी नेता और कार्यकर्ता मुख्यमंत्री के साथ दिखे. आरसीपी सिंह के राज्यसभा जाने के सवाल पर कहा कि मैं पार्टी का अधिकृत नहीं हूं जो इस पर बयान दे सकूं. मैं इतना ही कह सकता हूं कि इस संबंध में हमसे किसी से कोई बातचीत नहीं हुई है.


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नीतीश और तेजस्वी में बढ़ीं नजदीकियां


इधर, लालू प्रसाद यादव के यहां सीबीआई की छापेमारी के बाद आरजेडी नेताओं द्वारा तेजस्वी और नीतीश की नजदीकियां बढ़ने की बातों को लेकर वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा- "राजद के नेताओं की अपनी राय है. मेरी समझ में यह बात कोई रिश्ते को लिंक नहीं करती है. लालू जी के यहां छापेमारी हुई है. यह बहुत पुराना केस है." उन्होंने पत्रकारों से कहा कि नजदीकी रिश्ते की परिभाषा क्या होती है? नेता प्रतिपक्ष और मुख्यमंत्री के बीच बातचीत होना, मिलना-जुलना कोई बड़ी बात नहीं है. राज्य के मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष मिलकर बातचीत करते हैं. इसे बेमतलब का तूल दिया जा रहा है. 


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