पटना: बिहार महागठबंधन के घटक दल कांग्रेस (Congress) और आरजेडी (RJD) के बीच खींचतान जारी है. उपचुनाव में सीटों की दावेदारी को लेकर दोनों में से एक भी पार्टी बैकफुट पर आने को तैयार नहीं है. कांग्रेस जहां अपने राष्ट्रीय और पुरानी पार्टी होने का रौब जमा रही. वहीं, आरजेडी बिहार की सबसे बड़ी पार्टी और महागठबंधन में बड़े भाई की भूमिका में होने की बात कह रही है. इधर, दोनों पार्टियों के बीच जारी खींचतान ने महागठबंधन के भविष्य पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है.
हम जीतने के लिए चुनाव लड़ रहे
इस संबंध में जब बिहार कांग्रेस के प्रभारी भक्त चरण दास (Bhakta Charan Das) से पूछा गया तो उन्होंने कहा, " आज अल्टीमेटम का लास्ट डेट है. शाम तक पता चल जायेगा कि क्या हो रहा है. कांग्रेस ने दो सीटों पर नॉमिनेशन किया है और हम जीतने के लिए चुनाव लड़ रहे हैं. इसलिए इसमे कोई समझौता नहीं. अगर वो गठबंधन का सम्मान करते हैं, तो जिस विचारधारा के लेकर ये गठबंधन बना था क्या वो कारण आज आरजेडी के सामने नहीं रहा? क्या उन्हें हमारे 19 विधायक का समर्थन नहीं चाहिए? अगर नहीं तो उन्हें किसका समर्थन चाहिए?"
भक्त चरण दास ने कहा, " एक विधायक को हमसे छीनकर उन्हें (आरजेडी) क्या मिलेगा, अगर जीतते तो ये भी उनका ही होता. ये बहुत बड़ा राजनीतिक प्रश्न है कि वे अपने उम्मीदवार क्यों उतार रहे हैं? इसका कारण उन्हें बताना होगा बिहार के जनता को, क्या हमारा पारंपरिक वोट उन्हें नहीं मिला? अब उन्हें आगे पता चलेगा. लालू यादव (Lalu Yadav) और तेजस्वी ने क्या कहा है मुझे नहीं पता लेकिन जो 26 सीट हमे मिला था, वहां हमने कभी नहीं लड़ था, वो आरजेडी लड़ता था. वो अचानक हमें दे दिए गए थे. हमारे पास कोई दूसरा चारा भी नहीं था."
बिहार कांग्रेस प्रभारी ने कहा, " अभी उपचुनाव में कांग्रेस लड़ेगा तो उन्हें पता चल जाएगा और इसके बाद ही गठबंधन के भविष्य का भी पता चलेगा. महागठबंधन अभी तो है. लेकिन आरजेडी इसी तरह करती रही, तो ठीक है. उन्हें हमारे सीट से नॉमिनेशन नहीं करना चाहिए था. फ्रेंडली फाइट तो नाम के लिए है, हम लड़ेंगे और जीतेंगे."
आमने-सामने की लड़ाई होगी
इधर, इस मुद्दे पर बिहार कांग्रेस अध्यक्ष मदन मोहन झा (Madan Mohan Jha) ने कहा, " गठबंधन में निगोशिएशन नहीं होता है. लेकिन हमारे लोगों की राय है और आज से नहीं बहुत पहले से है कि हमलोग स्वतंत्र होकर चुनाव लड़े और हमने अपने उम्मीदवार दे दिए हैं और अब देखना है कि कितना दम है हमारे वर्कर में. ये मेरा भी टेस्ट है और इस टेस्ट में हमारे उम्मीदवार पूरे मुस्तैदी से लड़ेंगे. अभी उनसे (आरजेडी) कोई निगोशिएशन नहीं हो रहा है. भक्त चरण दास आए हैं और वो चाहते हैं कि शांती से चुनाव हो. उन्होंने एक मौका दिया है, उसके बाद आमने-सामने की लड़ाई होगी."
चुनाव प्रचार में आएंगे कन्हैया कुमार
मदन मोहन झा ने कहा, " किसकी मैच फिक्सिंग है ये बताने की क्या जरूरत है. कोई कहता है कि गठबंधन बिखर रहा है तो कोई कहता है मैच फिक्सिंग है. एनडीए (NDA) के लोगों का कहना है कि मैच फिक्सिंग है, अगर ऐसा ही है तो उन्हें घबराने की क्या जरूरत है." महागठबंधन के संबंध में उन्होंने कहा, " गठबंधन रहेगी या नहीं ये कहना बहुत जल्दबाजी होगी. ये निर्णय आलाकमान लेंगे. अभी जो हमने उम्मीदवार दिया है, वो आलाकमान के सामने दिया है. ये चुनाव तो हम लड़ेंगे. कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) कांग्रेस के पार्ट हो गए हैं, तो निश्चित रूप से प्रचार में भी वो आएंगे."
महागठबंधन की सबसे बड़ी ताकत आरजेडी
इधर, इस पूरे मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए मृत्युंजय तिवारी ने कहा, " बिहार में महागठबंधन का नेतृत्व तेजस्वी यादव कर रहे हैं. महागठबंधन में आरजेडी बड़े भाई की भूमिका में है. राष्ट्र स्तर पर हम कांग्रेस के नेतृत्व में हैं. लेकिन बिहार में सबसे बड़ा जनाधार और सबसे बड़ी ताकत महागठबंधन की आरजेडी है. इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता है और आरजेडी ने कांग्रेस से बात करने के बाद उपचुनाव में दोनों सीट पर अपने उम्मीदवार दिए हैं."
आरजेडी प्रवक्ता ने कहा, " कांग्रेस को जमीनी हकीकत को समझने की जरूरत है. अगर दो सीट महागठबंधन की बढ़ती है तो कांग्रेस की ताकत भी बढ़ेगी. कांग्रेस के प्रभारी ये अच्छी तरह समझ रहे हैं. महागठबंधन को लेकर लालू प्रसाद और सोनिया गांधी, राहुल गांधी, तेजस्वी यादव लगातार संपर्क कर रहे हैं. बात हो रही है और दो सीटों के लिए महागठबंधन पर इसका कोई असर पड़ेगा. ऐसा हम नहीं मानते हैं.
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