Bihar Politics: 'जिस देश में माहौल ठीक है वहां चले जाइए', BJP का अब्दुल बारी सिद्दीकी को जवाब, पैसा देने के लिए भी पार्टी तैयार
Abdul Bari Siddiqui Controversial Statement: आरजेडी नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी के दिए बयान पर बीजेपी आक्रामक हो गई है. बीजेपी के कई नेता इसको लेकर लगातार तीखी प्रतिक्रिया दे रहे हैं.
पटना: बिहार सरकार के पूर्व मंत्री और आरजेडी के कद्दावर नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी (Abdul Bari Siddiqui) के दिए विवादित बयान के बाद बयानबाजी शुरू हो गई है. इस बयान के बाद बीजेपी (BJP) लगातार उनपर हमला बोल रही है. वहीं, इस बयान पर पूर्व मंत्री सह बीजेपी नेता रामसूरत राय (Ramsurat Rai) ने अब्दुल बारी सिद्दीकी को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने ट्वीट कर उन पर निशाना साधा है. रामसूरत राय ने कहा कि जिस देश में माहौल ठीक है उस देश में चले जाइये. जाने का खर्च मैं दे दूंगा.
'उस देश में वोट मत मांगिएगा और न ही चुनाव लड़िएगा'
रामसूरत राय ने ट्वीट कर लिखा है- "जिस देश ने इन्हें पद, पहचान, पैसा और प्रतिष्ठा दी उसी देश में इन्हें माहौल ठीक नहीं लग रहा है, तो फिर अब्दुल बारी सिद्दीकी जिस देश में माहौल ठीक है उस देश में चले जाइए. जाने का खर्च मैं दे दूंगा. हां जिस देश में माहौल ठीक नहीं लग रहा है, उस देश में वोट मत मांगिएगा और न ही चुनाव लड़िएगा".
'इस बयान पर माफी मांगनी चाहिए'
रामसूरत राय ने लिखा- "ये हैं वरिष्ठ आरजेडी नेता और पूर्व मंत्री अब्दुल सिद्दीकी जो कह रहे हैं कि देश में माहौल ठीक नहीं है. अपने बेटे- बेटी से कह रहे हैं कि दूसरे देश की नागरिकता ले लो. ऐसे देश विरोधी बयान के लिए इन्हें माफी मांगनी चाहिए या इन्हें भी दूसरे देश की नागरिकता ले लेनी चाहिए. अब आप अपने बेटे और बेटी को दूसरे देश की नागरिकता लेने की सलाह दे रहे हैं तो स्वयं भी वहीं की नागरिकता ले लीजिए. आप जैसे निष्ठाहीन लोगों की इस देश को जरूरत नहीं है. देश का माहौल पूरी तरह से ठीक है. माहौल को अब्दुल बारी सिद्दीकी जैसे नेता खराब कर रहे हैं".
इनको शर्म नहीं आती है- रामसूरत राय
बीजेपी नेता ने रिप्लाई करते हुए लिखा- "इनका बेटा इंग्लैंड में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ता है. बेटी लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से पढ़ी हैं. अब्दुल बारी सिद्दीकी जैसे नेताओं का काम है गरीब मुसलमानों के नाम पर अपनी राजनीति चमकाओ, अपने बेटे-बेटियों को विदेश में पढ़ाओ, देश का माहौल खराब बताओ और मुसलमानों को बरगलाओ. अब्दुल बारी सिद्दीकी से यह क्यों नहीं पूछा जाना चाहिए कि अपने बेटे-बेटी को तो इंग्लैंड में पढ़ा लिया लेकिन बिहार के गरीब मुसलमानों के बच्चों की पढ़ाई के लिए क्या किया? ऐसे नेताओं की इस देश को जरूरत नहीं है. अपने बेटे-बेटी के साथ चाहें तो सिद्दीकी भी इंग्लैंड की नागरिकता ले लें. अब्दुल बारी सिद्दीकी जैसे राजनीतिज्ञों को स्वयं पर तो शर्म नहीं आती, लेकिन देश को अब्दुल बारी सिद्दीकी जैसे लोगों पर शर्म जरूर आती है".
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