पटना: सम्राट अशोक के मुद्दे पर बिहार एनडीए के घटक दलों के बीच खींचतान जारी है. बीजेपी और जेडीयू (JDU) के बीच तो इस कदर आग लगी हुई है कि दोनों पार्टियों के नेता भाषाई मर्यादा को भूलकर एक दूसरे निजी पर टिप्पणी कर रहे है. स्थिति एसी है कि गठबंधन के शिर्ष नेताओं को बीच बचाव करने के लिए उतरना पड़ रहा है. इसी क्रम में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) की पार्टी ने बीजेपी (BJP) के शिर्ष नेताओं से विवाद में हस्तक्षेप करने की अपील की है. ताकि वे विवाद जल्द खत्म हो जाए. ऐसा नहीं हुआ तो ये विवाद गठबंधन के लिए घातक साबित होगा.
हम प्रवक्ता ने कही ये बात
पार्टी के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा कि बीजेपी शिर्ष नेतृत्व बिहार एनडीए में जारी विवाद में हस्तक्षेप करें. बिहार बीजेपी नेता लगातार एनडीए में शामिल दलों के नेताओं पर गलत बयानबाजी कर रहें है. बीजेपी नेतृत्व बताए आखिर क्या कारण है कि एनडीए में शामिल दलों से सिर्फ बीजेपी नेताओं का ही विवाद हो रहा है? विवाद जल्द खत्म हो इसकी जवाबदेही बीजेपी शिर्ष नेतृत्व की है.
गौरतलब है कि यह सारा विवाद साहित्यकार दया प्रकाश सिन्हा के एक लेख पर मचा हुआ है. उन्होंने लेख में बिहार का गौरव मानें जाने वाले सम्राट अशोक के संबंध में आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. इस मुद्दे को उठाते हुए जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह (Lalan Singh) और संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) ने प्रतिक्रिया देते हुए पीएम मोदी से साहित्यकार से अवार्ड वापस लेने को कहा था. इस पर बीजेपी नेताओं ने विपरीत प्रतिक्रिया दी थी. इसके बाद से ही वार पलटवार का दौर जारी है. हालांकि, राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने दोनों पार्टियों के नेताओं से बयानबाजी नहीं करने की अपील की है.
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