पटना: एक कहावत है कि सियासत में कोई किसी का दोस्त नहीं होता है. कभी आरजेडी नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के सामने विपक्षी पार्टी थी आज उसी के साथ मिलकर वे सरकार में मुख्यमंत्री बने हैं. वहीं दूसरी ओर अब आरजेडी के एक पूर्व विधायक ने ही नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. कुढ़नी उपचुनाव के बाद लगातार अनिल सहनी (RJD Anil Sahni) सीएम नीतीश कुमार पर हमलावर हैं. वह आरजेडी के नेता हैं लेकिन चुनाव परिणाम के बाद से हमला और तेज हो गया है.



निखिल आनंद ने नीतीश कुमार पर साधा निशाना


बीजेपी के प्रवक्ता निखिल आनंद ने सोमवार को अनिल सहनी के बयान को शेयर करते हुए लिखा - "कुढ़नी में महागठबंधन की हार नहीं हुई बल्कि अति-पिछड़ा जीता है और नीतीश कुमार के अहंकार की हार हुई है. नीतीश जी ने अति-पिछड़ा की हकमारी की है. अति-पिछड़ा तो अब कोई बुड़बक रहा नहीं कि नीतीश जी कोई लॉलीपॉप पकड़ा कर ठग लें, जैसा कि हमेशा करते हैं."



 



अनिल सहनी ने खोला मोर्चा


निखिल आनंद द्वारा शेयर किए गए वीडियो में अनिल सहनी एक पत्रकार से बात कर रहे हैं. बातचीत के दौरान अनिल सहनी ने कहा कि कुढ़नी में महागठबंधन की हार नहीं हुई है. वहां पर नीतीश कुमार की हार हुई है. नीतीश कुमार के वहम की हार हुई है. यहां अतिपिछड़ों की जीत हुई है. मैं यह बात शुरू से कह रहा हूं. 


अनिल सहनी ने दिया था ये बयान


अनिल सहनी ने कहा कि क्या नीतीश कुमार के पास अतिपिछड़ा नहीं था? सबसे पहले कुढ़नी में अतिपिछड़ा की सीट बनाकर और वहां से हमने जीतकर दिखाया था. वहां सीट किसी और को दे दिया आपने तो कोई अतिपिछड़ा तो आज के समय में बेवकूफ रहा नहीं. 
 
इसके पहले भी अनिल सहनी दे चुके हैं बयान


बता दें कि अनिल सहनी ने इस तरह का बयान पहली बार नहीं दिया है. इसके पहले भी अनिल सहनी ने नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला है.  कुढ़नी से विधायक रह चुके आरजेडी नेता अनिल सहनी सीएम नीतीश कुमार से इस्तीफा तक मांग चुके हैं. यह भी कहा है कि 'हम' प्रमुख जीतन राम मांझी को सीएम नीतीश कुमार ने 2014 में मुख्यमंत्री बनाया था, इसी तरह आज वो दिन आ गया है कि महागठबंधन के प्रति अगर सहानुभूति है तो सीएम नीतीश कुमार को अब इस्तीफा दे देना चाहिए और तेजस्वी यादव को सीएम बनाना चाहिए.


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