पटना: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव इन दिनों काफी एक्टिव नजर आ रहे हैं. तबीयत में सुधार के बाद आरजेडी सुप्रीमो राजनीतिक तौर पर सक्रिय दिख रहे हैं. वो अपने पुराने साथियों से मुलाकात कर रहे हैं. साथ ही मौजूदा राजनीतिक स्थिति को लेकर बयान भी दे रहे हैं. इसी क्रम में मंगलवार को उन्होंने बड़ा बयान दिया है. लालू यादव ने बिहार के दोनों युवा नेता तेजस्वी यादव और चिराग पासवान के साथ आने की इच्छा जाहिर की है.
चिराग अभी भी एलजेपी के नेता
उन्होंने कहा कि चिराग अब भी एलजेपी के नेता हैं और अगर वो महागठबंधन में आना चाहते हैं, तो उनका स्वागत है. वो अपने बेटे तेजस्वी और चिराग पासवान को एक साथ देखना चाहते हैं. मौजूदा राजनीतिक परिवेश में लालू यादव के इस बयान के सामने आने के बाद सूबे का सियासी पारा चढ़ गया है. कयासों का दौर फिर एक बार शुरू हो गया है. हालांकि, फिलहाल के लिए चिराग पासवान ने खुद ही सभी कयासों पर विराम लग दिया है.
आशीर्वाद यात्रा कर लौट रहे चिराग पासवान ने पटना एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि लालू यादव हमारे पिता के सहयोगी हैं, साथी हैं और हमारे अभिभावक हैं. उनका कहना अपनी जगह है. मैं उनकी भावनाओं का सम्मान करता हूं, लेकिन मेरी प्राथमिकता 'आशीर्वाद यात्रा' और अपने संगठन को मजबूत बनाना है. बिहार या यूपी में गठबंधन पर कोई भी चर्चा चुनाव के करीब होगी.
सीएम नीतीश कुमार पर साधा निशाना
बातचीत के दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी निशाना साधा. एलजेपी नेता ने कहा, " जब मेरे पिता बीमार थे, उस वक्त नीतीश कुमार ने उनका हाल-चाल जानने की भी कोशिश नहीं की. बड़े-बड़े नेताओं ने मेरे पिता से मुलाकात की थी. लेकिन नीतीश कुमार ने एक बार भी उन्हें फोन नहीं किया या मुलाकात नहीं की. यहां तक भी ये भी कहा कि हमें जानकारी नहीं है."
बता दें कि चिराग पासवान ने मंगलवार अपने गुट के नेताओं के साथ राज्यपाल से मुलाकात की. बिहार में बढ़ रहे आपराधिक घटनाओं के मुद्दे पर उन्होंने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा और संज्ञान लेने की गुहार लगाई. राज्यपाल से उन्होंने करीब आधे घंटे तक बातचीत की और पूरी स्थिति से उन्हें अवगत कराया.
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