पटना: बिहार विधानसभा की शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच जो बात-विवाद हुआ वह सूबे भर में चर्चा का विषय बना गया है. इस पूरे प्रकरण पर राजनीतिक पार्टियों के नेता अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं. हलांकि, सदन से तेजस्वी को फटकार लगाने के बाद सीएम नीतीश ने मीडिया से बातचीत के दौरान तेजस्वी को नसीहत दी और कहा इस तरह का व्यवहार ठीक नहीं है.
उन्होंने कहा कि सदन में इस तरह आचरण अमर्यादित है. यह सदन की परंपरा के खिलाफ है. इससे उन्हें ही नुकसान है. हमारा क्या चरित्र है ये लोगों को मालूम है. कौन उनका एडवाइजर है यह हमारे समझ के परे है. मान लीजिए कि आप ऐसी बात करते हैं जो गलत हैं, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की बात होती है.
सीएम नीतीश ने कहा, " 2015 में रेड हुआ घर पर, केस हुआ तो एक्सप्लेन नहीं किए. हम कहीं कहने जाते हैं कि चार्जशीटेड हैं और आगे तक कि बात हो गई है. जेल के अंदर से किस तरह का आचरण हुआ. एनडीए को कोई इधर से उधर नहीं कर सकता है. "
दरसअल, कल सदन में तेजस्वी ने अपने संबोधन में नीतीश कुमार के बारे में कहा कि नीतीश कुमार के खिलाफ कॉपीराइट के मामले में 25 हज़ार का जुर्माना हुआ और सज़ा हुई.भारत में कोई ऐसा मुख्यमंत्री नहीं है जिसे जुर्माना भी और सजा भी हुई हो. वहीं उन्होंने नीतीश कुमार के प्रजनन दर वाले बयान पर निशाना साधते हुए कहा था कि नीतीश जी ने कहा था कि बेटे की चाहत में बच्चे पैदा करते रहे. लेकिन मुख्यमंत्री जी को पता होगा कि मेरी छोटी बहन भी है. लेकिन क्या उन्होंने बेटी के डर से दूसरा संतान पैदा नहीं किया?". उनके इन तीखे प्रहारों के बाद सीएम नीतीश का गुस्सा फूटा और उन्होंने सदन में तेजस्वी को जमकर फटकार लगाई.
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